उत्तराखंड

बिजली कर्मचारियों को कब मिलेगा पुरानी पेंशन का लाभ

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देहरादून। उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने बिजली कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ न मिलने पर सवाल उठाए। मोर्चा की रविवार को माजरा कार्यालय में हुई बैठक में सवाल उठाए गए कि जब राज्य में 2005 से बाद के कर्मचारियों को सिर्फ अध्याचन, विज्ञप्ति के आधार पर पुरानी पेंशन का लाभ दिया जा रहा है, तो ऊर्जा के निगमों में क्यों 2005 से पहले वाले कर्मचारियों को लाभ नहीं दिया जा रहा है। मोर्चा की बैठक में संयोजक इंसारुल हक ने कहा कि पुरानी पेंशन का लाभ न मिलने से बिजली कर्मचारियों में आक्रोश है। बिजली कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। कहा कि राज्य में ऐसे कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन का लाभ देने की तैयारी है, जिनकी नियुक्ति 2007, 2009, 2011 तक में जाकर हुई। कर्मचारी इसका स्वागत करते हैं, लेकिन सवाल ये भी है कि सिर्फ बिजली कर्मचारियों की क्यों अनदेखी की जा रही है। निगमों का कर्मचारी बता कर क्यों उनके साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है। कहा कि 2002 में नियुक्त हुए कर्मचारियों तक को पुरानी पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा है। इसके खिलाफ आवाज बुलंद की जाएगी।
राकेश शर्मा ने कहा कि 2600 ग्रेड वेतन में नियुक्त कार्मिकों की एसीपी की व्यवस्था में सुधार किया जाए। वर्ष 2020 के बाद नियुक्त कार्मिकों को पूर्व की भांति विद्युत टैरिफ की सुविधा का लाभ दिया जाए। पूर्व में प्रदान की गई नियुक्ति पर प्रारंभिक वेतन वृद्धि की व्यवस्था को यथावत रखा जाए। बैठक में केहर सिंह, बीरबल सिंह, वाईएस तोमर, कार्तिकेय दुबे, पंकज सैनी, आनंद सिंह रावत, सुनील मोगा, अमित रंजन, राहुल चानना, भानु प्रकाश जोशी, प्रदीप कंसल, सुनील तोमर, गोविंद प्रसाद नौटियाल, राजवीर सिंह, सौरभ पांडे, मुकेश कुमार, शैलेंद्र मौजूद रहे।
उपनल कर्मचारियों की कब ली जाएगी सुध
विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष विनोद कवि ने कहा कि उपनल कर्मचारियों की सुध नहीं ली जा रही है। न उन्हें नियमित किया जा रहा है। न ही उन्हें समान काम का समान वेतन दिया जा रहा है। शासन स्तर से जारी हुए महंगाई भत्ते के लाभ को भी स्थगित कर दिया गया। जबकि पूरे पॉवर सेक्टर की कमान इन्हीं उपनल कर्मचारियों के हाथ में है।

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