उत्तराखंड

एक हजार किलोवॉट का नया रूफ टॉप सोलर प्लांट स्थापित

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

ऋषिकेश। एसआरएचयू ने ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में एक और मिसाल स्थापित की है। विश्वविद्यालय में एक हजार किलोवॉट का नया रूफ टॉप सोलर प्लांट स्थापित किया गया है। अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने शुक्रवार को इसका औपचारिक उद्घाटन किया। अब विवि में स्थापित रूफ टॉप सोलर प्लांट की क्षमता बढ़कर 2500 किलोवॉट हो गई है। एसआरएचयू के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने कहा कि वैश्विक कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन महामारी के पूर्व के स्तर तक पहुंचने के करीब है। इसका प्रमुख कारण बड़े संस्थानों में बिजली की खपत में बेइंतहा वृद्धि है। बिजली की खपत को कम करने के लिए सौर ऊर्जा सबसे बेहतरीन विकल्प है। सूर्य हमेशा से ऊर्जा का सबसे भरोसेमंद स्रोत रहा है। सौर ऊर्जा के महत्व को हम समझते हैं। इसके लिए संस्थान में विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई है। भविष्य की जरूरत को समझते हुए ऊर्जा संरक्षण की ओर हमने वर्ष 2007 में पहला कदम बढ़ाया था। तब हिमालयन हॉस्पिटल, कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट सहित सभी हॉस्टल में सोलर वाटर हीटर पैनल लगाए गए थे। वर्ष 2017 में राष्ट्रीय सौर मिशन से जुड़ने का फैसला किया। हिमालयी राज्यों में रूफ टॉप सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए सरकार की ओर से प्रदान की जा रही 70 फीसदी सब्सिडी को देखते हुए सोलर पैनल लगाने का फैसला लिया। नर्सिंग और मेडिकल कॉलेज में 500 किलोवॉट रूफ टॉप सोलर पैनल लगाए। सौर ऊर्जा का इस्तेमाल हमने पहाड़ों के दूरस्थ गांवों में पानी पहुंचाने के लिए भी किया है। टिहरी के चंबा में ग्राम चुरेड़धार में सोलर पंपिंग प्लांट के जरिये गांव में पानी पहुंचाया।
अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने बताया कि वर्ष 2017 से अब तक विश्वविद्यालय कैंपस स्थित विभिन्न भवनों की छतों में 2500 किलोवॉट का सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं। इससे अब तक एसआरएचयू 82,19,330 किलोवॉट (यूनिट) बिजली की बचत कर चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!