भैरवगढ़ी पम्पिंग पेयजल का श्रेय स्व0 रमेशचन्द्र नीलकंठ को मिलना चाहिए
जयन्त प्रतिनिधि।
सतपुली। भैंरवगढ़ी पेयजल पंपिंग योजना पर राजनीति शुरू हो गई है। वर्तमान में योजना का श्रेय लेने को लेकर राजनीति हो रही है। भाजपा और कांग्रेस उक्त योजना का श्रेय ले रही है। सतपुली के लोगों का कहना है कि आज राजनीतिक दल इस योजना का राजनीतिक श्रेय ले रहे है। जबकि उनका इसमें कोई योगदान नहीं है। उन्होंने कहा कि भैरवगढ़ी पम्पिंग पेयजल का श्रेय स्व0 रमेशचन्द्र नीलकंठ को मिलना चाहिए, क्योंकि उन्होंने उक्त योजना की मांग सबसे पहले उठाई। वह उक्त योजना को लेकर भूख हड़ताल पर भी बैठे और जेल भी गये।
मंगलवार को सतपुली में आयोजित बैठक में स्थानीय निवासी हरिस्वामी, हर्षपति बौंठियाल, हरीर्श ंसह, अर्जुर्न ंसह, बिहारी लाल ने कहा कि भैरवगढ़ी पपिंग योजना की मांग सर्वप्रथम पूर्व जिला पंचायत सदस्य स्व. रमेश चन्द्र डोबरियाल (नीलकंठ) ने की थी। वह इस योजना के संबंध में विकासखंड द्वारीखाल व अन्य स्थानों पर भूख हड़ताल पर भी बैठे, यहां तक कि उन्हें पौड़ी जेल भी जाना पड़ा। वर्ष 2002 में विधानसभा चुनाव से पहले उक्त योजना स्वीकृत हो चुकी थी। उस समय क्षेत्रीय विधायक डॉ. हरक सिंह रावत ने कीर्तिखाल में योजना का शिलान्यास किया था। अगर यह योजना उसी समय दो-तीन साल के अंदर बन जाती तो इतने धन का दुरूप्रयोग नहीं होता। उन्होंने कहा कि आज राजनीतिक दल इस योजना का राजनीतिक श्रेय ले रहे है। जबकि उनका इसमें कोई योगदान नहीं है। उन्होंने कहा कि विगत 18 अक्टूबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जयरीखाल में योजना का लोकापर्ण किया, लेकिन मुख्यमंत्री ने स्व. रमेश चन्द्र डोबरियाल (नीलकंठ) को याद तक नहीं किया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
विगत 18 अक्टूबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भैंरवगढ़ी पेयजल पंपिंग योजना का लोकार्पण किया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि इस योजना से इस क्षेत्र के 75 गांव और तोक को पानी मिलेगा। प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आते ही इस योजना पर तेजी से कार्य प्रारंभ किया गया। वर्ष 2006 में इस योजना का शिलान्यास तत्कालीन सरकार में किया गया, लेकिन पैसे की कमी के कारण योजना आगे नहीं बढ़ पाई, लेकिन हमने इसे प्राथमिकता से पूरा किया। मुख्यमंत्री के बयान पर इस पर राजनीति शुरू हो गई है। वहीं गत 19 अक्टूबर को उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कहा कि यह योजना कांग्रेस सरकार की देन थी। इसके लिए उन्होंने व तत्कालीन विधायक व मंत्री टीपीएस रावत ने गंभीर प्रयास किए थे। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी ने इस योजना को स्वीकृति दी थी, परंतु भाजपा ने इस योजना को लंबे समय तक ठंडे बस्ते में डाल दिया। उन्होंने कहा कि अब जब मुख्यमंत्री ने इसका उदघाटन किया है तो वे इसका श्रेय ले रहे है। इस तरह की राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण है।