उत्तराखंड

वाहन स्वामियों का धरना जारी, बसों का संचालन ठप

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रुद्रप्रयाग : जीएमओयू प्रबंधन की ओर से 15 वर्ष की अवधि पूर्ण करने वाले वाहनों को संचालन से बाहर करने पर भड़के वाहन स्वामियों का कंपनी मुख्यालय में अनिश्चितकालीन धरना गुरुवार को भी जारी रहा। विरोध स्वरूप वाहन स्वामियों ने बसों का संचालन भी ठप रखा। इस कारण मैदानी क्षेत्रों से पहाड़ की ओर जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। जबकि कुछ यात्री छोटे वाहनों से अपने गंतव्य तक गए। उधर बुधवार देर शाम को उपजिलाधिकारी की मध्यस्थता में वाहन स्वामियों और कंपनी प्रबंधन की हुई वार्ता बेनतीजा रही।
गुरुवार को धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि वे स्वयं वाहन स्वामी और चालक भी हैं। कंपनी ने 15 वर्ष पूर्ण करने वाले वाहनों को संचालन से बाहर कर दिया है, जबकि सरकार की ओर से उन वाहनों के भी रखरखाव के आधार पर फिटनेस प्रमाणपत्र जारी किए जा रहे हैं। अन्य कंपनियों में भी 15 वर्ष पूर्ण करने वाले वाहनों का संचालन किया जा रहा है। वहीं वाहनों का संचालन नहीं होने से उन्हें आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है। प्रबंधन की ओर से उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देने के कारण उन्हें धरना प्रदर्शन पर बाध्य होना पड़ रहा है। वाहन चालकों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो वो चक्का जाम को अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा देंगे। धरना स्थल पर दलबीर सिंह, गुलाब सिंह, सुरेश कुमार, गजे सिंह रौथाण, कुलदीप सिंह रावत, देवेंद्र सिंह रावत, सुरेंद्र सिंह रावत, प्रदीप सिंह रावत, विनोद कुमार, धर्म सिंह, मातबर सिंह रौथाण, कोमल सिंह, केशर सिंह, मनोहर सिंह, गणेश भट्ट, मदन सिंह और राकेश भट्ट सहित अन्य वाहन स्वामी शामिल रहे। (एजेंसी)
ये हैं प्रमुख मांगें
कंपनी के वार्षिक चुनाव पूर्व की तरह मतदान से कराने, कोर्ट का निर्णय आने तक कंपनी संचालकों के चुनाव पर रोक लगाने, चुनाव समिति को भंग करने, कंपनी में पुराने वाहनों के संचालन पुन: शुरू करवाने, कंपनी में छोटे वाहनों के संचालन पर रोक लगाने और वाहन स्वामियों का दो प्रतिशत कमीशन उन्हें वापस करना।

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