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हिंदी का गौरव कायम रखना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी : धामी

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हिन्दी ने समाज में जागरूकता लाने में अहम भूमिका निभाई
सीएम ने किया ‘‘ उत्तराखण्ड की लोक कथाएं ’’ पुस्तक का विमोचन
जयन्त प्रतिनिधि।
देहरादून : मुख्यमंत्री ने सभी को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिंदी एक भाषा का उत्सव नहीं बल्कि हमारी संस्कृति के गौरव का अवसर है। हिंदी एक भाषा ही नहीं हमारे राष्ट्र की आत्मा भी है। हिंदी ने हमारे समाज को जोड़ा है और हमारी सभ्यता को समृद्ध किया है। विश्व पटल पर हिंदी ने हमें विशेष स्थान दिलाया है। हिंदी केवल हमारे लिए संवाद का माध्यम नहीं है बल्कि हमारी अस्मिता, संस्कृति और भारतीयता का प्रतीक भी है। हिंदी ने विविधता से भरे हमारे समाज को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया है। सहजता, सरलता और सामथ्र्य से परिपूर्ण हिंदी में समन्वय की अदभुत क्षमता है। सीएम ने कहा कि हिंदी का गौरव कायम रखना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। आज हमें संकल्प लेना चाहिए कि अपनी मातृभाषा हिंदी का सम्मान करें। इसे अपने दैनिक जीवन में अपनाएं ताकि हिंदी 21वीं सदी की सशक्त भाषा बने।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सर्वे चौक स्थित आई.आर.डी.टी प्रेक्षागृह, देहरादून में उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा आयोजित ’हिंदी दिवस समारोह-2024’ में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड भाषा संस्थान की पुस्तक ‘‘ उत्तराखण्ड की लोक कथाएं ’’ का विमोचन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कविता लेखन, कहानी लेखन, यात्रा वृतान्त लेखन और नाटक लेखन प्रतियोगिता के प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया। साथ ही बोर्ड परीक्षाओं में हिन्दी में सर्र्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दुनिया के विभिन्न देशों में हिंदी का अध्ययन किया जा रहा है। स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज तक हिंदी सामाजिक चेतना का भी प्रमुख माध्यम रही है। स्वतंत्रता संग्राम के समय हिंदी संघर्ष की भाषा बनी और देशवासियों को एक सूत्र में बांधने में अहम भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हिंदी के उत्थान के लिए निरंतर कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने हिंदी भाषा के संवर्धन के लिए उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा किये जा रहे प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा कई सारे नवाचार किये हैं और नवाचार के माध्यम से लोगों को प्रोत्साहित करने का कार्य किया है। यह प्रयास भाषायी विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि युवाओं को अनेक भाषाओं को सीखना चाहिए और इसे लेकर किसी तरह का कोई भी संकोच मन से निकालना होगा। उन्होंने कहा कि बाल्यकाल में आपने जो सीख लिया, वो आपके पूरे जीवन काम आने वाला है। इस मौके पर भाषा मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक खजान दास, साहित्यकार एवं पूर्व कुलपति डा. सुधा रानी पांडे, दून विवि की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल, सचिव विनोद रतूड़ी, भाषा संस्थान की निदेशक श्रीमती स्वाति भदौरिया उपस्थित थे।

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