जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : जीएमओयू बचाओ संघर्ष समिति ने जीएमओयू प्रबंधन पर पूर्व में हुए समझौते को तोड़ने का आरोप लगाया है। कहा कि दस सूत्रीय मांगों पर सहमति बनने के बाद समिति ने अपने चक्काजाम का निर्णय वापस लिया था। लेकिन, अब प्रबधंन समझौता तोड़कर 30 सितंबर को वार्षिक बैठक करवा रहा है। ऐसे में समिति 29 सितंबर से दोबारा चक्काजाम को मजबूर होगी।
समिति के अध्यक्ष सत्यानंद भट्ट ने समस्या के संबंध में जिलाधिकारी को पत्र भेजा। उन्होंने बताया कि जीएमओयू में कुछ व्यक्ति तानाशाही रवैया अपना रहे हैं। कंपनी से अधिकांश वाहन स्वामी, चालक व परिचालकों को जबरन बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। कुछ व्यक्ति कंपनी के मुख्य पदों पर बैठकर इसका निजी लाभ उठा रहे हैं। बताया कि ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ जीएमओयू बचाव संघर्ष समिति की ओर से अभियान चलाया जा रहा है। पूर्व में समिति ने बाहर किए गए सदस्यों की सदस्यता वापस लेने सहित विभिन्न मांगों को लेकर चक्काजाम किया था। उपजिलाधिकारी के समक्ष जीएमओयू प्रबंधन व जीएमओयू बचाव समिति के बीच मांगों पर समझौता हुआ था। निर्णय लिया गया था कि सदस्यता बहाल होने के बाद पहली बैठक प्रशासन की देखरेख में होगी। लेकिन, प्रबंधन ने बिना सदस्यता बहाल किए ही बैठक करवा रहा है। कहा कि यदि इस तरह की मनमानी पर रोक नहीं लगी तो समिति 28 सितंबर को धरना देती और 29 से चक्काजाम करेगी। साथ ही कंपनी के मुख्य गेट पर तालाबंदी भी की जाएगी।