प्राथमिकता के आधार पर कार्य योजना तैयार करें
जयन्त प्रतिनिधि।
चमोली : जिला प्रशासन की ओर से गुरुवार को जिला गंगा संरक्षण समिति की मासिक बैठक आयोजित की गई। बैठक में जनपद में गंगा संरक्षण के लिए सहायक नदियों की स्वच्छता को लेकर किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई। बैठक में परियोजना निदेशक आनंद सिंह भाकुनी और बदरीनाथ वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी सर्वेश दुबे ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने नगर पालिका, पेयजल निगम, जल संस्थान, कृषि, सिंचाई, वन विभाग, मनरेगा और स्वजल के अधिकारियों को जिला गंगा प्लान के तहत आगामी पांच वर्षों में किए जाने वाले कार्यों की प्राथमिकता के आधार पर कार्य योजना तैयार करने का कहा।
बैठक में परियोजना अधिकारी ने कर्णप्रयाग में निर्मित एसटीपी को शीघ्र हस्तांतरित करने की बात कही। इस दौरान उन्होंने नगर क्षेत्रों में किए जा रहे डोर-टू-डोर कलेक्शन को सोर्स सेग्रिगेट करने साथ ही कूड़ा वाहनों में भी जैविक व अजैविक कचरे को अलग-अलग रखने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इस दौरान एंटी लिटरिंग एंड एंटी स्पिटिंग और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के तहत नियमित निरीक्षण करने के बात कही। बदरीनाथ वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी व वन विभाग के नोडल अधिकारी सर्वेश दूबे ने जिले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से होटलों को एसटीपी निर्माण के लिए दिए नोटिस के क्रम में पत्राचार कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को एक माह के भीतर कार्य योजना बनाने की बात कही। साथ ही उन्होंने पेयजल निगम के अधिकारियों को हल्दापानी भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में स्थित आवासीय क्षेत्र में सीवर निकासी की कार्य योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए। इस मौके पर नमामि गंगे के जिला परियोजना अधिकारी गोविंद सिंह ने बताया कि कर्णप्रयाग में निर्मित एसटीपी के हस्तांतरण को लेकर जल संस्थान की ओर से सहमति प्रदान की जा चुकी है। सभी एसटीपी जल्द जल संस्थान को हस्तांतरित किए जाएंगे। वहीं उन्होंने बताया कि जनपद में एंटी लिटरिंग एंड स्पिंटिंग एक्ट में कुल 54 सामने आए हैं। जिन पर कार्रवाई करते हुए पालिका व पंचायतों की ओर से 1 लाख 64 हजार 400 का अर्थदंड वसूला गया है। जबकि प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के उल्लंघन के 37 मामलों में कार्रवाई की गई है। वहीं जनपद में प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम का उल्लंघन करने वाले 26 होटलों की सूची प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सौंपी गई है। जिसमें बोर्ड की ओर से कार्रवाई की जा रही है। इस मौके पर एसीएमओ डा. एमएस खाती, जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एसके श्रीवास्तव, महाप्रबंधक उद्योग विभाग बीएस कुंवर सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।