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बांग्लादेश : चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद एक्शन, 6 पर वकील की हत्या का आरोप; 30 की गिरफ्तारियां

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ढाका ,बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्ता पटल के बाद से अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ लगातार हिंसा हो रही हैं। उग्र भीड़ अल्पसंख्यकों के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को निशाना बना रही है। इस बीच संयुक्त बलों ने एक वकील की हत्या और चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने में कथित संलिप्तता में कम से कम 30 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने 6 लोगों पर सरकारी वकील की हत्या करने का भी आरोप लगाया है।
पुलिस के इस एक्शन से अल्पसंख्यकों में दहशत का माहौल पैदा हो गया है। साथ ही इस्कॉन चिन्मय दास की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए ने बांग्लादेश के अधिकारियों से देश में हिंदुओं के लिए शांतिपूर्ण माहौल को बढ़ावा देने का आग्रह किया है। दरअसल, ये हिंसा देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए चिन्मय दास को जमानत देने से इनकार किए जाने के बाद भडक़ी हिंसा में सरकारी वकील सैफुल इस्लाम अलिफ की मौत हो गई थी। इस झड़प में कम से कम 10 लोग भी घायल हुए थे। पुलिस ने कहा कि झड़प में इस्लाम गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि हिरासत में लिए गए व्यक्तियों को शुरुआती जांच के बाद मुकदमे के लिए गिरफ्तार किया जाएगा और यदि उनकी संलिप्तता पाई गई तो और भी संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा सकता है। मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त काजी मोहम्मद तारिक अजीज ने कहा कि सेना और अर्धसैनिक बल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के सैनिकों और पुलिस द्वारा रात भर संयुक्त छापेमारी में संदिग्धों को हिरासत में लिया गया।
अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने मंगलवार को वकील की हत्या की निंदा की और लोगों से शांत रहने और किसी भी अप्रिय गतिविधियों में भाग लेने से दूर रहने का आग्रह किया। उनके प्रेस विंग द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, उन्होंने अधिकारियों को हत्या की जांच करने और उचित कानूनी कदम उठाने का निर्देश दिया। यूनुस ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सभी संवेदनशील इलाकों सहित बंदरगाह शहर में सुरक्षा बढ़ाने का भी आदेश दिया।
चिन्मय दास को सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था। वह एक रैली में शामिल होने के लिए चटोग्राम जाने रहे थे। मंगलवार को अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर जेल भेजने का आदेश दे दिया। इसके बाद चिन्मय दास के समर्थकों ने विरोध शुरू कर दिया, जिससे उन्हें जेल ले जाने वाली वैन की आवाजाही बाधित हो गई।
पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प करने वाले प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस और बीजीबी सैनिकों ने लाठीचार्ज किया, जिसके बाद 10 पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 37 लोग घायल हो गए। वहीं, दास के वकीलों ने कहा कि वे अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए ऊपरी अदालत में मामला दायर करेंगे।

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