उत्तराखंड

बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार के खिलाफ जनाक्रोश रैली निकाली

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रुद्रपुर। बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ रविवार को गांधी पार्क में साधु-संतों के साथ विभिन्न संगठनों के लोग एकत्रित हुए और जनाक्रोश रैली निकालकर धरना-प्रदर्शन किया। इसके बाद मानवाधिकार मंच के नेतृत्व में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एडीएम को सौंपा। साधु-संतों ने कहा कि जिस प्रकार से बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार किया जा रहा है, वह निंदनीय है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, अल्पसंख्यक धार्मिक कट्टरपंथियों के शिकार हो रहे हैं। धार्मिक स्थलों पर हमले बढ़ रहे हैं। उन्होंने इस अत्याचार पर विरोध जताया और सड़क पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया। कहा कि बांग्लादेश राजनीतिक षड्यंत्र से गुजर रहा है। वहां पर जेहादी किस्म के लोग लोकतंत्र पर हावी हो गए हैं। कट्टरपंथियों द्वारा अल्पसंख्यक महिलाओं के खिलाफ जबरन धर्मांतरण, अपहरण और बलात्कार जैसी घटनाएं आम हो चुकी हैं। बच्चों को शिक्षा और सुरक्षित जीवन से वंचित किया जा रहा है। साथ ही सांस्कृतिक व धार्मिक धरोहर का विनाश किया जा रहा है। इसको लेकर भारत सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। अंतराष्ट्रीय संगठन भी चुप्पी साधे हुए हैं। वक्ताओं ने कहा कि भारत सरकार से हम सभी अपेक्षा करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस मामले को रखकर बांग्लादेश पर दबाव बनाया जाए, ताकि वहां अल्पसंख्यक हिन्दू समाज के लोग सुरक्षित रह सकें। संचालन विशाल खेड़ा ने किया।

‘भारत बांग्लादेश सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाए’
मानवाधिकार मंच ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एडीएम पंकज उपाध्याय को सौंपा। ज्ञापन में कहा कि भारत बांग्लादेश सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाए। संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्वतंत्र जांच आयोग का गठन करने की भी मांग की गई। कट्टरपंथियों को न्याय के दायरे में लाकर उन्हें कठोर सजा दी जाए। हिंसा और उत्पीड़न से प्रभावित अल्पसंख्यक समुदायों के पुनर्वास के लिए बांग्लादेश सरकार विशेष योजनाएं बनाए और उनके आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा प्रदान करे। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ कट्टरपंथियों द्वारा जबरन धर्मांतरण, अपहरण और हिंसा को रोकने के लिए बांग्लादेश सरकार प्रभावी कदम उठाए। महिला और बाल दमन निवारण अधिनियम और अन्य प्रासंगिक कानूनों का कठोरता से पालन करने की मांग की गई।

भारत ने रक्षा नहीं की होती तो बांग्लादेश मिट जाता : शिवानंद महाराज
शहर के दूधिया बाबा मंदिर के महंत शिवानंद महाराज ने कहा कि 1971 में बांग्लादेश की स्थिति खराब थी। पूर्वी पाकिस्तान को बचाने के लिए हिन्दुओं ने कुर्बानी दी। यदि भार ने रक्षा नहीं की होती तो बांग्लादेश का अस्तित्व मिट गया होता। हम पड़ोसी देश की मदत करते रहे और आज वहां नरसंहार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि देश अनुमति दे तो हम भी बांग्लादेश कूच कर सकते हैं। उन्होंने बांग्लादेश से नोबल पुरस्कार वापस लेने की मांग की।

इस्कॉन मंदिर पर हमला सनातन धर्म पर हमला: चैतन्य महाराज
मनकामेश्वर मंदिर के महंत स्वामी नारायण चैतन्य महाराज ने अपनी ओजस्वी वाणी से कहा कि बांग्लादेश के इस्कॉन मंदिर पर हमला सनातन धर्म पर हमला है। वहां अबोध कन्या से लेकर 70 वर्ष की महिलाओं तक पर अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम यह देखकर भी संगठित नहीं हो रहे हैं। कहा कि आज बांग्लादेश में जो हो रहा है, कल यहां भी हो सकता है। कहा कि भारत सरकार चाहे तो एक दिन में बांग्लादेश घुटनों पर आ जाएगा, किन्तु हम पड़ोसी के नाते सहयोग कर रहे हैं।

अत्याचार पर रोक लगाई जाए : विवेकानंद महाराज
मतुआ सम्प्रदाय के गुरु विवेकानंद महाराज ने कहा कि बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संगठित होने में ही शक्ति है। कहा कि महापुरुषों ने हमे जो रास्ता दिखाया है, उस पर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, अल्पसंख्यक धार्मिक कट्टरपंथियों के शिकार हो रहे हैं। धार्मिक स्थलों पर हमले बढ़ रहे हैं। लूटपाट की जा रही है। इस पर सरकार रोक लगाए। उन्होंने कहा कि सभी को देश हित में सदैव तैयार रहना चाहिए और भारत भूमि के लिए कुछ करें।

बांग्लादेश में जलाए जा रहे अल्पसंख्यक हिन्दुओं के गांव : विक्रमजीत
गुरुद्वारा डेरा भजन के महंत विक्रमजीत सिंह ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं के गांव के गांव जलाए जा रहे हैं। महिलाओं के साथ दरिंदगी हो रही है, किन्तु बांग्लादेश सरकार कुछ भी नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि आज बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह कल यहां भी हो सकता है। भारत को इस मामले में दखल देकर बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार पर रोक लगाना चाहिए। अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है।

ये रहे मौजूद: विधायक शिव अरोड़ा, किच्छा के पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, दर्जा राज्य मंत्री उत्तम दत्ता, पूर्व मेयर रामपाल सिंह, अशोक जायसवाल, कमल जिंदल, विकास शर्मा, गुंजन सुखीजा, सुरेश गौरी, राधेश शर्मा, नीलकंठ राणा, वेद ठुकराल, धीरेंद्र मिश्रा, विवेक सक्सेना, मोहित कक्कड़, प्रवीण अग्रवाल, दया डसीला, हितेंद्र त्रिपाठी, बंटी खुराना, तरुण दत्ता, राजकुमार शाह, राम प्रकाश गुप्ता, सुरेंद्र मिड्डा, लक्ष्मी नारायण पटवा, संजीव सिंह, उपेंद्र चौधरी, भारत भूषण चुघ, रश्मि रस्तोगी, रमेश कालड़ा, संदीप धीर, प्रीत ग्रोवर, महेश बब्बर, ओम प्रकाश अरोड़ा, विजय जग्गा, नरेश शर्मा, विवेक दीप सिंह, ममता जीना, कुशल अग्रवाल, प्रमोद मित्तल, सुनील ठुकराल, मयंक कक्कड़, विपिन जल्होत्रा, अमृतपाल सिंह आदि रहे।

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