उत्तराखंड

हत्या के दोषी पिता-पुत्र को आजीवन कारावास

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रुद्रपुर। जिला जज प्रेम सिंह खिमाल ने छत पर पटाखे फोड़ने से मना करने पर गृहस्वामी की हत्या करने के आरोपी पिता-पुत्र को आजीवन कारावास और 12-12 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। ग्राम नकटा सितारगंज निवासी चंदन कुमार ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके अनुसार 11 नवंबर 2015 की रात वह अपने भाई उमेश कुमार और पिता जनार्दन प्रसाद के साथ घर पर थे। इस दौरान उनका पड़ोसी अजय कुमार व संजय कुमार उनकी घर की छत पर आकर पटाखे फोड़ने लगे। इस पर पिता जनार्दन ने छत पर जाकर दोनों लड़कों को पटाखे फोड़ने से मना किया तो वे लड़ने पर उतारू हो गए और उन्होंने अपने भाई विजय कुमार और पिता सुदर्शन गुप्ता को बुला लिया। चारों की जनार्दन प्रसाद से कहासुनी होने लगी। इसी बीच सुदर्शन ने धारदार हथियार से जनार्दन पर ताबड़तोड़ वार कर उनको छत से नीचे देंक दिया। जब चंदन और उमेश ने अपने पिता को बचाने का प्रयास किया तो चारों लोगों ने उन पर भी हमला कर उन्हें घायल कर दिया। शोर सुनकर गांव के लोग आ गए और तीनों को सरकारी अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने जनार्दन को मृत घोषित कर दिया और दोनों घायलों का उपचार किया। 12 नवंबर 2015 को पुलिस ने सुदर्शन गुप्ता, विजय और अजय को गिरफ्तार कर लिया। 13 नंवबर को संजय को भी गिरफ्तार कर लिया गया। कोर्ट ने अजय और संजय को जुबेनाइल (किशोर) घोषित कर दिया। वही सुदर्शन गुप्ता और विजय गुप्ता का मुकदमा जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में चला। सोमवार को जिला जज प्रेम सिंह खिमाल ने सुदर्शन गुप्ता और विजय गुप्ता को जनार्दन प्रसाद की हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 12-12 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया।

 

 

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