उत्तराखंड

राज्य आंदोलन की तर्ज पर लड़ेंगे भू-कानून की लडाई: नेगी

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चमोली। मूल निवास भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के गढ़वाल संयोजक अरुण नेगी ने कहा कि मूल निवास और भू-कानून लागू किए जाने की मांग को लेकर ब्लाक स्तरों पर बैठकें आयोजित की जाएंगी। आगामी 30 दिसम्बर को कीर्तिनगर में होने वाली बैठक में जनप्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग सम्मलित होंगे। रविवार को निजी होटल में पत्रकारों से बात करते हुए मूल निवास संघर्ष समिति के गढ़वाल संयोजक अरुण नेगी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन की तर्ज पर अब राज्य में मूल निवास और भू-कानून की लड़ाई लड़ी जायेगी। कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में जमीन की खरीद-फरोख्त रोकने के लिए सशक्त भू-कानून और मूल निवास को लागू किया जाना अनिवार्य है। कहा कि राज्य सरकार ने मूल निवास व्यवस्था समाप्त कर यहां के लोगों की अपनी पहचान खत्म करने का काम किया है। उत्तराखंड राज्य बनने के 24 साल बाद भी आज राज्य के मूल निवासियों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। नेगी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मूल निवास और भू-कानून को लेकर सरकार कोई ठोस कदम नहीं ले पा रही है। कहा कि उत्तराखंड के मूल निवासियों के अधिकार सुरक्षित रहें इसलिए प्रदेश में सशक्त भू कानून और मूल निवास 1950 लागू किए जाने की आवश्यकता है। प्रधान संगठन के निर्वतमान अध्यक्ष सुनय कुकशाल ने समर्थन देते हुए कहा कि अपने अधिकारों और हक की लड़ाई के लिए सभी जनप्रतिनिधि एक मंच पर आकर भू-कानून और मूल निवास की लड़ाई लडेगे। मौके पर रामलाल नौटियाल, चंद्रमोहन सिंह चौहान, मुकेश बर्तवाल, रामेश्वर प्रसाद लखेडा, मुकेश भट्ट सहित आदि मौजूद थे।

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