देहरादून और उत्तरकाशी ने नहीं बनाई वनाग्नि प्रबंधन योजना

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देहरादून। वनाग्नि सीजन 14 फरवरी से शुरू होने जा रहा है। लेकिन अब देहरादून और उत्तरकाशी में वनाग्नि प्रबंधन के लिए कार्ययोजना तक नहीं बन पायी है। शनिवार को वन मुख्यालय में प्रमुख वन संरक्षक डा. धनंजय मोहन की अध्यक्षता में हुई वनाग्नि प्रबन्धन की तैयारियों की समीक्षा बैठक में ये बात सामने आयी। जिस पर हाफ ने तत्काल दोनों डीएफओ को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। एपीसीसीएफ वनाग्नि प्रबंधन निशांत वर्मा ने बताया कि आने वाले वनाग्नि-काल में पहली बार फारेस्ट फायर उत्तराखंड मोबाइल एप का उपयोग फील्ड में किया जाएगा। जिसमें सभी वन अधिकारी और कर्मचारियों को जोड़ दिया गया है। इस ऐप के सहयोग से वनाग्नि रोकथाम के रिस्पांस टाइम में कमी आयेगी। इसके जरिए कोई भी व्यक्ति वनाग्नि की सूचना विभाग को दे सकता है। जिससे विभाग को भी उसे बुझाने में आसानी होगी। उन्होंने बताया कि प्रभागीय कार्ययोजना में निहित प्राविधानों के अनुसार वन क्षेत्रों में फायर लाईनों की साफ-सफाई के लिए लौट आवंटन की कार्यवाही जल्द से जल्द करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
शीतलाखेत वन क्षेत्र में सामुदायिक जन सहभागिता के मॉडल को सभी प्रभागों में लागू करने के लिए भी प्रभाग अन्तर्गत अधिक-से-अधिक भ्रमण के भी निर्देश दिए गए।

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