हरिद्वार , महाकुंभ में किन्नर अखाड़े का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी के एक बयान ने नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। अखाड़े में पहले से चल रहे विवाद से क्षुब्ध होकर हिमांगी सखी ने न केवल किन्नर अखाड़ा, बल्कि सनातन धर्म तक छोडऩे की चेतावनी दे दी है। उन्होंने कहा कि अखाड़े के भीतर चल रहा विवाद अब उनके सहनशक्ति से बाहर हो गया है और वह जल्द ही धर्म परिवर्तन पर विचार कर सकती हैं।
महामंडलेश्वर हिमांगी सखी का यह बयान किन्नर अखाड़े की ही एक अन्य महामंडलेश्वर कल्याणी नंद गिरी पर हुए हमले के बाद आया है। हिमांगी सखी ने कहा कि इस हमले का आरोप उन पर लगाया जा रहा है, जबकि उनका इससे कोई संबंध नहीं है। उन्होंने याद दिलाया कि पहले उन पर भी जानलेवा हमला हुआ था, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हुई थीं। हिमांगी सखी ने आरोप लगाया कि वह हमला स्वयं किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने करवाया था।
हिमांगी सखी ने किन्नर अखाड़े में वर्चस्व की लड़ाई चलने की बात कहते हुए इस जंग को जल्द से जल्द खत्म करने की मांग की है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि यह विवाद शीघ्र ही समाप्त नहीं होता है, तो उन्हें अखाड़े और सनातन धर्म से अलग होने पर मजबूर होना पड़ेगा, और वह धर्म परिवर्तन जैसा कदम भी उठा सकती हैं।
गौरतलब है कि बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर पहली किन्नर जगद्गुरु महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने ही सवाल उठाया था। इसके बाद ही उन पर जानलेवा हमला हुआ था। इस हमले में हिमांगी सखी गंभीर रूप से घायल हो गई थीं, लेकिन उनकी जान बच गई थी। उन्होंने इस हमले के लिए आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और उनके सहयोगियों को जिम्मेदार ठहराया था। ममता कुलकर्णी के एक बार महामंडलेश्वर पद छोडऩे और फिर उसी पद पर दोबारा आसीन होने को हिमांगी सखी ने हास्यास्पद बताया। उन्होंने कहा कि इन लोगों को धर्म और शास्त्रों से कोई सरोकार नहीं है। यह केवल दिखावे की जिंदगी है और इन लोगों ने सनातन धर्म का मजाक बना दिया है। हिमांगी सखी ने किन्नर अखाड़े में मांस-मदिरा के सेवन का भी आरोप लगाया और बताया कि कई लोग शराब के नशे में उनके शिविर में भी घुस आए थे।
00