जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर लोक कलाकार रामरतन काला की स्मृति में धाद लोकभाषा एकांश की ओर से भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रंगकर्मी श्रीश डोभाल, वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी यशोधर डबराल, आकाशवाणी के पूर्व निदेशक चक्रधर कंडवाल ने स्व. काला के साथ बिताए गए क्षणों को याद करते हुए उन्हें लोककला से जुड़ा हुआ सच्चा कलाकार बताया। कार्यक्रम के दौरान जहां स्व. काला के व्यक्तित्व के साथ ही उनकी ओर से संस्कृति संरक्षण के प्रयासों पर चर्चा की गई, वहीं उनके गीतों का मंचन कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
नगर निगम प्रेक्षागृह में आयोजित समारोह का शुभारंभ करते हुए मेयर शैलेंद्र सिंह रावत ने धाद लोकभाषा एकांश की ओर से लोकभाषा संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। कहा कि संस्था ने संस्कृति संरक्षण को बचाने का अभियान शुरू किया है, उसमें प्रत्येक व्यक्ति को भागीदारी करनी चाहिए। कहा कि पूर्व में समाज संस्कृति और संस्कारों से जुड़ा था, इसकी झलक पूरे सामाजिक परिवेश में दिखती थी। लेकिन, आज की पीढ़ी को अधिकार तो पता हैं। लेकिन, कर्तव्यों का बोध नहीं है। इसका एकमात्र कारण युवा पीढ़ी की अपनी संस्कृति से दूर होना है। अनुसूया प्रसाद डंगवाल की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में धाद संस्था के संरक्षक जगमोहन सिंह बिष्ट, अध्यक्ष रिद्धि भट्ट, सचिव राजेश खत्री, त्रिभुवन उनियाल, सोहन मैंदोला, सरिता मैंदोला, पंकज ध्यानी, रश्मि बहुखंडी, स्व. रामरतन काला की पत्नी कमला देवी, पुत्र गौरव काला सहित कई अन्य मौजूद रहे।
खाडू लापता नाटक का किया मंचन
डिग्री कॉलेज के विद्यार्थियों ने प्रसिद्ध गढ़वाली हास्य नाटक खाडू लापता की प्रस्तुति दी। लोक कलाकार जितेंद्र काला के दिशा-निर्देशन में संपन्न हुए इस नाटक आकाश, आकाश सिंह रावत, हिमांशु रावत, अंजलि नेगी, उत्कर्ष ने मंचन किया। कार्यक्रम में सरिता मैंदोला के दल की ओर सैंणी को मरयूं छौं…गीत पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुति दी।