बोले शाह- बंगाल में मां, माटी और मानुष का नारा तुष्टीकरण में बदला, भतीजे को सीएम बनाना चाहती हैं ममता
कोलकाता , एजेंसी। बंगाल में अपने दो दिवसीय दौरे के आखिरी दिन शुक्रवार को मीडिया को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री व भाजपा के कद्दावर नेता अमित शाह ने ममता सरकार पर जमकर निशाना साधा। शाह ने कहा कि ममता बनर्जी को 10 साल पहले मां, माटी व मानुष के नारे पर वोट दिया गया था लेकिन 10 साल में ये बातें तुष्टीकरण की सियासत में बदल गईं। शाह ने कहा कि ममता बनर्जी का लक्ष्य है कि वह अगले कार्यकाल में अपने भतीजे को यहां का सीएम बना दें। लेकिन यहां के लोग नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में परिवर्तन चाहते हैं।शाह ने कहा कि मैं बंगाल के लोगों को आश्वस्त करने आया हूं कि पांच साल में सोनार बांग्ला बनाने का लक्ष्य पूरा किया जाएगा। शाह ने कहा कि बंगाल के लोगों ने कांग्रेस, वाम दलों और टीएमसी को मौका दिया है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी का लक्ष्य है कि वह अगली सरकार में अपने भतीजे को सीएम बना दें।
बंगाल में प्रशासन का राजनीतिकरण किया गया है, इंस्टीट्यूशनल करप्शन किया जा रहा है और राजनीति का अपराधीकरण कर दिया गया है। बंगाल में तुष्टीकरण से बंगाल की जनता के एक बड़े वर्ग में दूसरे दर्जे का नागरिक होने का भाव पैदा हो गया है। बंगाल में तीन कानून हैं, एक अपने भतीजे के लिए, दूसरा वोट बैंक और तीसरा आम आदमी के लिए। कानून की पुस्तक में एक कानून है, लेकिन यहां लागू करने में तीन तरह का कानून देखने मिलता है।
शाह ने यहां पर ममता बनर्जी से सात सवाल पूटे। शाह ने पूछा कि बंगाल सरकार ने 2018 के बाद एनसीआरबी को राज्य में अपराध के आंकड़े क्यों नहीं भेजे। आखिर सरकार क्या छिपाना चाहती है? शाह ने कहा कि 2018 में महिलाओं के खिलाफ अपराध में तीसरे नंबर पर बंगाल रहा है। बलात्कार, एसिड अटैक के मामलों में पहले नंबर रहा। गायब महिलाओं को ना ढूंढ पाने के मामले में देश में नंबर रहा। ममता दीदी क्या जवाब देंगी कि बंगाल की महिलाएं क्यों असुरक्षित हैं। ममता बनर्जी को मुझे सवाल करने के बजाय खुद चिंतन करना चाहिए।
ममता बनर्जी पर सवाल उठाते हुए शाह ने कहा कि यहां 100 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हुई। राजनीतिक हत्याओं के मामले में ममता सरकार क्या श्वेतपत्र निकाल सकेगी क्या? शाह ने कहा कि हम ममता बनर्जी सरकार से कहना चाहते हैं कि वह केंद्र की सरकार को लोगों तक पहुंचाएं। केंद्र की सरकार की योजनाओं का सबसे बुरा हाल बंगाल में दिख रहा है।