देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शुक्रवार को राजभवन में ‘वसंतोत्सव-2025’ का शुभारंभ किया। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और विभिन्न फूलों की भव्य प्रदर्शनी के साथ ही राजभवन के बहुप्रतीक्षित आयोजन वसंतोत्सव की शुरुआत हो गई। राज्यपाल ने इस अवसर पर डाक विभाग द्वारा इस वर्ष के लिए विशेष डाक आवरण के लिए चयनित औषधीय गुणों से भरपूर पौधे ‘’जटामांसी’’ का विमोचन किया, साथ ही डाक विभाग देहरादून द्वारा लगायी गयी भव्य डाक टिकट प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया।कार्यक्रम की शुरुआत आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ ही आईएमए, पीएसी और होमगार्ड के जवानों ने बैंड की मधुर धुनों से समां बांध दिया। जौनसार से आए कलाकारों ने पारंपरिक हारूल नृत्य प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। गोरखा राइफल्स के जवानों ने खुखरी नृत्य के माध्यम से अपनी अद्भुत शारीरिक और मानसिक शक्ति का प्रदर्शन किया। देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार की छात्राओं ने योग प्रदर्शन के दौरान अद्भुत करतब दिखाए, निरामया योगम रिसर्च फाउंडेशन, हरिद्वार एवं उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेज, देहरादून द्वारा भरत नाट्यम आधारित योग नृत्य तथा शिव तांडव की मनमोहक प्रस्तुति की गई, जिसका निर्देशन योगाचार्य डॉ. उर्मिला पाण्डे द्वारा किया गया और उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेज, देहरादून के रोहित कुमार 38वें राष्ट्रीय खेल के गोल्ड मेडलिस्ट द्वारा एकल आर्टिस्टिक योगा का भव्य प्रदर्शन किया गया। वहीं आईटीबीपी के जवानों ने कराटे का शानदार प्रदर्शन कर रोमांच पैदा किया। राज्यपाल ने सभी प्रतिभागियों से मुलाकात कर उनकी प्रस्तुतियों की सराहना की।
राज्यपाल ने पेंटिंग प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विभिन्न स्कूलों के बच्चों से मुलाकात की और उनके द्वारा बनाई जा रही पेंटिंग की प्रशंसा करते हुए उनका उत्साहवर्धन किया। उन्होंने वसंतोत्सव में लगी फूलों की भव्य प्रदर्शनी और विभिन्न स्टॉलों का भ्रमण कर उनके बारे में जानकारी ली। फूलों से सजे सेल्फी प्वाइंट को देखने के लिए लोगों में भारी उत्साह देखा गया और वहां फोटो खिंचवाने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी।
राजभवन में ‘वसंतोत्सव-2025’ के भव्य शुभारंभ के अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि उत्तराखण्ड को प्रकृति और सांस्कृतिक विरासत का अनमोल उपहार प्राप्त है। यहां के पुष्प न केवल सौंदर्य और विशिष्टता में अद्वितीय हैं, बल्कि राज्य को ‘पुष्प प्रदेश’ के रूप में स्थापित करने की असीम संभावनाएं भी रखते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में शहद, सुगंधित पौधों और फूलों के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं, जो राज्य की आर्थिक समृद्धि और ग्रामीण विकास में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती हैं।