हरिद्वार। ज्वालापुर में सोमवार की सुबह आतिशबाजी के लिए पटाखे बनाते हुए समय विस्फोट होने से मकान की छत भर भराकर गिर गई और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। लोगों ने मलबे में दबे घायल को बाहर निकालकर एंबुलेंस से जिला अस्पताल भेजा। डॉक्टरों ने उसकी हालत गंभीर होने पर एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया। एसपी सिटी पंकज गैरोला ने बताया कि 46 वर्षीय आजाद अली पुत्र सरवर निवासी लोधामंडी ज्वालापुर मजदूरी करता है। साथ ही शादी विवाह में आतिशबाजी करने का भी काम करता है। सोमवार की सुबह वह घर की पहली मंजिल पर बने कमरे के अंदर आतिशबाजी के लिए पटाखे बना रहा था। अचानक पटाखे की सामग्री में विस्फोट हो गया। तेज धमाके साथ कमरे की छत गिर गई और दीवार भी टूट गई। विस्फोट के साथ ही मलबे में दबने से आजाद गंभीर रूप से घायल हो गया। धमाके की आवाज सुनते ही लोग घटनास्थल पर जमा हो गए।प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है पाक माह-ए-रमजान के मौके पर लड़का शहरी और इफ्तार के समय फोड़ता बम था। बम फटने की वजह से बुरी तरह से घायल लड़के को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जबरदस्त धमाका हुआ: लोगों का कहना है कि धमाका जबरदस्त था। आसपास के लोग डर गए। मौके पर कमरा पूरी तरह टूट गया। आजाद को लहूलुहान अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया। जानकारों की माने तो हैंड ग्रेनेड बम की क्षमता के धमाके से इतना नुकसान होता है। जितना कमरे में बारूद के विस्फोट से हुआ है। जानकारों के अनुसार कमरे में बड़ी मात्रा में स्फोटक सामग्री रही होगी। सामग्री में एक साथ आग लगने से बड़ा धमाका हुआ।
पत्नी गई थी काम पर: आजाद सुबह के समय ऊपर कमरे में अकेला था। पत्नी सिडकुल काम पर चली गई थी। बच्चे भी नीचे अपने चाचा के पास खेल रहे थे। बताया जा रहा है कि सुबह के समय पटाखें बनाते हुए। कमरे में विस्फोट हो गया। जिसमें आजाद गंभीर रूप से घायल हो गया। इस दौरान गनीमत रही कि अन्य को परिवार का सदस्य विस्फोट की चपेट में नहीं आया।
मजदूरी कर चलता है परिवार: आजाद का परिवार गरीब है। आजाद की पत्नी सिडकुल की कंपनी में काम करती है। आजाद के दो छोटे बच्चें भी है। गुजर बसर करने के लिए आजाद मजदूरी करता है। रमजान माह में आजाद सुबह और शाम के समय आतिशबाजी करता है। परिवार में छोटा भाई भी साथ रहता है। छोटे भाई की भी शादीशुदा है।
कोई 10 तो कई देता है 100 रुपये
रमजान माह के अंत में लोगों से घर घर जा कर आतिशबाजी के लिए रुपये इकट्ठा किए जाते हैं। हर साल आजाद और अन्य लोग घरों में पहुंच कर पटाखों के लिए रुपये एकत्रित करते हैं। किसी घर से पांच, तो किसी घर से 10 रुपये मिलते हैं। कुछ घरों से 50 और 100 रुपये भी मिल जाते हैं। इन रुपयों से आजाद रमजान में आतिशबाजी करता है।