कोटद्वार में धूमधाम से मनाई गई दीपावली
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। ज्योति पर्व दीपावली कोटद्वार में शनिवार को धूमधाम से मनाई गई। शुभ मुहूर्त में घरों, मंदिरों, पंडालों और प्रतिष्ठानों में विघ्र विनाशक गणेश जी और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की गई। वहीं आतिशबाजी से आसमान सतरंगी हो गया। धरती और आसमान का नजारा देखते ही बन रहा था। दीपावली का पर्व मां लक्ष्मी के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन भगवान राम लंका विजय कर अयोध्या वापस लौटे थे। उनके आगमन पर नगरवासियों ने पूरे नगर को दीयों से रोशन कर दिया था। तब से यह परंपरा चली आ रही है।
प्रकाश पर्व दीपावली को लेकर लोग कई दिन से तैयारी कर रहे थे, शनिवार को दीपावली पर्व पर सुबह से ही हर आयु वर्ग के लोगों में खूब उत्साह रहा। सुबह घरों की साफ-सफाई के बाद लोगों ने बाजार का रुख किया। किसी ने पूजन का सामान खरीदा तो किसी ने लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति। साथ में लाई-मिठाई और पटाखों की भी खरीदारी की गई। घरों में महिलाओं ने सुबह पकवान बनाए। शाम को घर के बड़े-बुजुर्गों ने स्नान कर घरों और दुकानों में शुभ मुहूर्त में पूजन किया। स्थानीय मंदिरों में शाम को विद्युत झालरों से सजावट की गई। घरों-प्रतिष्ठानों में भी रंगोली बनाने के साथ दीप जलाए गए। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में भी लोगों ने दीयों की रोशानी से घरों को रोशन किया। शाम से देर रात तक घरों में महालक्ष्मी की पूजा अर्चना की। मां लक्ष्मी से सुख और समृद्धि का वरदान मांगा। बच्चों ने जमकर आतिशबाजी की। आधी रात तक नगर से लेकर गांव तक त्योहार का धूम-धड़ाका होता रहा। वहीं सुबह से ही लोग अपने-अपने मित्रों, रिश्तेदारों एवं परिचितों को त्योहार की बधाइयां देते रहे। पंडित मुकेश चतुर्वेदी ने बताया कि दीपावली पर शुभ मुहूर्त में महालक्ष्मी की विधिविधान से पूजा करने पर मनोकामनाएं पूरी होती हैं।