जोशीमठ नृसिंह मंदिर में विराजित हुई आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी
चमोली। आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी नृसिंह मंदिर जोशीमठ में विराजित हो गई है। अब छह माह शंकराचार्य गद्दी के दर्शन जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में होंगे। डोली यात्रा योगध्यान मंदिर से रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी के नेतृत्व में जोशीमठ पहुंची। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी को पूजा-अर्चना के बाद मंदिर परिसर में रखा गया। इसके बाद आज गद्दी योगध्यान बदरी मंदिर से नृसिंह मंदिर जोशीमठ के लिए रवाना हुई। यहां पूजा-अर्चना के बाद आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी को जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में विराजित किया गया। आपको बता दें कि शीतकाल के दौरान जहां भवगान नारायण अपने दर्शन योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर में देंगे तो वहीं शंकराचार्य गद्दी के दर्शन जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में होंगे। इससे पहले शुक्रवार को भगवान नारायण के प्रतिनिधि और बाल सखा उद्धव जी के साथ देवताओं के खजांची कुबेर जी की डोली पूजा अर्चना के बाद हनुमानचट्टी होते हुए शीतकालीन पूजा स्थली पांडुकेश्वर पहुंची। यहां पर पूजा-अर्चना के बाद दोनों डोलियों को योगध्यान बदरी मंदिर में विराजित किया गया।