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छठे वेतनमान की सिफारिशों के तहत पुलिस कर्मचारियों को एरियर की सौगात

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देहरादून। शासन ने उत्तराखंड पुलिस के कर्मचारियों को छठे वेतनमान की सिफारिशों के तहत उच्चीकृत वेतन ग्रेड पर एरियर की सौगात दे दी है। हाईकोर्ट ने तीन समान किस्तों में एरियर का भुगतान करने के आदेश दिए थे। शासन ने पहली किस्त के रूप में 23 करोड़ 80 लाख 34 हजार रुपये की धनराशि जारी कर दी है।संयुक्त सचिव गृह ओमकार सिंह ने इस संबंध में मंगलवार को आदेश जारी किए। शासन के इस फैसले से पुलिस महकमे में तत्कालीन कांस्टेबल, हैड कांस्टेबल व असिस्टेंट सब इंसपेक्टर स्तर के करीब 15 हजार कर्मचारियों को फायदा होगा। बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट ने पुलिस कर्मियों को तीन समान किस्तों में एरियर देने का आदेश पारित किया था। लेकिन प्रदेश सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुज्ञा याचिका दायर कर दी थी। इस दौरान कांस्टेबल आशीष बिष्ट ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी। इस याचिका पर न्यायालय ने सचिव गृह व पुलिस महानिदेशक को अवमानना नोटिस जारी किए। 27 नवंबर को अवमानना मामले की सुनवाई होनी है। सुनवाई से पहले प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में 70.01 करोड़ के सापेक्ष पहली किस्त के रूप में 34 प्रतिशत यानी 23,80,34,000 धनराशि जारी कर दी।
सुप्रीम कोर्ट में सरकार जीती तो होगी वसूली: गृह विभाग के आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी पर फैसला यदि सरकार के पक्ष में आया तो एरियर भुगतान धनराशि की वसूली संबंधित पुलिस कार्मिकों से की जाएगी।
ये है मामला। पुलिस महकमे में सिपाहियों को वर्ष 2008 में छठे वेतनमान का लाभ मिला था। 2011 में कांस्टेबल व हेड कांस्टेबल का ग्रेड-पे बढ़ा। उन्होंने मांग की कि उन्हें रिवाइज ग्रेड-पे के आधार पर जनवरी 2006 से एरियर दिया जाए। साल 2008 में जब छठा वेतन मान मिला तब कांस्टेबल का ग्रेड-पे 1900 था लेकिन 2011 में 2000 हो गया। इसी तरह से हेड कांस्टेबल का 2000 से 2400 हो गया। वे उरच्चीकृत ग्रेड पे के सापेक्ष 2006 से एरियर मांग रहे हैं।

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