Uncategorized

छापेमारी में सेलाकुई की एक कंपनी में मिले 94 बाल श्रमिक

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

विकासनगर। सेलाकुई में इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बनाने वाली एक कंपनी में कोविड-19 से सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव नेहा कुशवाह ने औचक छापेमारी की। सचिव की छापेमारी से कंपनी प्रशासन में हड़कंप मच गया। निरीक्षण में पाया गया कि कंपनी में चार हजार कर्मचारियों पर मात्र तीन टॉयलेट हैं, वह भी गंदगी से अटे पड़े थे। मास्क, सेनेटाइजिंग व हैंडवाश की कोई व्यवस्था नहीं मिली।
निरीक्षण के दौरान सचिव को कंपनी में काम करने वाले श्रमिकों की उम्र को लेकर शंका हुई। जिस पर सचिव ने कंपनी प्रशासन को श्रमिकों को कंपनी के बाहर लाइन में खड़ा करने को कहा। इनमें कम उम्र के दिखने वाले सौ श्रमिकों की जांच करने पर उनमें 94 श्रमिक कम उम्र के पाये गये। इनकी उम्र 16 से 18 वर्ष के बीच थी। यही नहीं चालीस श्रमिकों की उम्र एक जनवरी पायी गयी। जिस पर सचिव ने एक कमेटी गठित कर मामले की जांच करने के निर्देश दिए। बाल श्रमिकों से काम लिए जाने और कोविड निमयों का पालन न होने पर सचिव नेहा कुशवाह ने कंपनी के एचआर हेड की जमकर क्लास लगाई। कहा कि कम उम्र के बच्चों से 12 से 13 घंटों काम करवाकर उनका शारिरिक व मानसिक शोषण किया जा रहा है। श्रमिकों से पूछताछ के दौरान पाया गया कि लंच व टी ब्रेक के लिए कंपनी में मात्र दस मिनट का समय दिया जाता है। सचिव विधिक प्राधिकरण ने कहा कि कंपनी किसी भी मानक पर काम पूरा करती नजर नहीं आ रही है। इसकी रिपोर्ट बनाकर नैनीताल हाईकोर्ट को पूरी जानकारी से अवगत कराया जायेगा। कहा कि गुरुवार को बाल श्रमिकों व उनके अभिभावकों को बुलाकर उनकी कांउसलिंग की जायेगी। कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।
सिविल जज और विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव नेहा कुशवाह ने कहा कि पता चला कि छापेमारी के दौरान कुछ बाल श्रमिकों को कैंटीन व टॉयलेट में छुपाया गया था, जिन्हे पुलिस की सहायता से बाहर निकाला गाया। इनसे पूछताछ की गयी है। उसी के आधार पर अब हाईकोर्ट के लिए रिपोर्ट तैयार की जा रही है। कहा कि कंपनी में करीब चार हजार कर्मचारी काम करते हैं। उनकी भी जांच की जाएगी। कार्रवाई के दौरान पैरालीगल वालंटियर नाजमा, समीना सिद्दीकी, स्वयं सेवी संस्था के जसवीर रावत, मदर्स एंजल चिल्ड्रन सोसाइटी के जहांगीर आलम, बचपन बचाओ आंदोलन के सुरेश उनियाल, संदीप पंत, आपका आसरा नशा मुक्ति केंद्र से कृतिका क्षेत्री, समर्पण सोसाइटी से मानसी मिश्रा, थाना सेलाकुई के दरोगा आलोक गौड़ सहित पुलिस कर्मी मौजूद रहे।—छापेमारी से दूसरी कंपनियों में हड़कंप: कंपनी में छापेमारी के चलते बाल श्रम कराने वाली अन्य कंपनियों में भी हड़कंप मच गया। कंपनी में छापेमारी के दौरान आसपास की कई कंपनियों ने अपने यहां काम करने वाले बाल श्रमिकों को कंपनियों के पिछले गेट से चुपचार घर भेज दिया। यही नहीं कई कंपनियों ने बाल श्रमिकों को दो चार दिन काम पर न आने की हिदायत दी। उल्लेखनीय है कि बड़ी संख्या में कई कंपनियों में बाल श्रमिक काम करते आ रहे हैं।——कौन बना रहा बाल श्रमिकों के फर्जी आधार कार्ड: कई कंपनियों में बड़ी संख्या में अठ्ठारह वर्ष से कम उम्र के बच्चे काम करते हैं, लेकिन इन बच्चों के बाकायदा 18 वर्ष की उम्र पूरी करने के आधार कार्ड बने हैं। जिन्हे कंपनियां बेधड़क बच्चों से काम करवा रही हैं। लेकिन बच्चों के 18 वर्ष की उम्र पार करने के ये फर्जी आधार कार्ड कौन बना रहा है कौन लोग इस धंधे में जुड़े हैं। यह भी एक बड़ा सवाल है जिसकी उच्चस्तरीय जांच होने पर ही पता चल पायेगा। चालीस बच्चों का एक जनवरी को जन्म तिथि पाया जाना सबसे बड़ा संदेह पैदा करता है। जिसको लेकर खुद विधिक प्राधिकरण की सचिव ने आशंका व्यक्त की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!