कुंभ के मद्देनजर होने वाली गंगा की मॉनिटरिंग को लेकर प्रदूषण बोर्ड को केंद्र सरकार की गाइडलाइन का इंतजार
हरिद्वार। प्रदूषण बोर्ड को कुंभ के मद्देनजर होने वाली गंगा की मॉनिटरिंग को लेकर केंद्र सरकार की गाइडलाइन का इंतजार है। बताया गया है कि कुंभ के दौरान गंगा के पानी की गुणवत्ता की बाबत केंद्र सरकार शेड्यूल जारी करती है। इसमें कितने अंतराल के बाद जल गुणवत्ता का डाटा इकट्ठा करना है, इसके बारे में दिशा निर्देश जारी होते हैं। केंद्र की ओर से बोर्ड मुख्यालय को यह गाइडलाइन भेजी जाती है। इसके बाद क्षेत्रीय प्रदूषण बोर्ड की ओर से मॉनिटरिंग का काम शुरू किया जाता है। गौरतलब है कि देश में जहां भी कुंभ होता है, वहां केंद्र सरकार गंगा की स्वच्छता के मद्देनजर निश्चित अंतराल पर मॉनिटरिंग कराती है। प्रयागराज तक पहुंचते-पहुंचते पानी की गुणवत्ता में काफी गिरावट आ जाती है तो वहां आयोजित होने वाले कुंभ के दौरान प्रतिदिन जल गुणवत्ता का डाटा भारत सरकार को उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन हरिद्वार में फैक्टरियों का प्रदूषित पानी गंगा में उतना नहीं मिलता है जितना अन्य कुंभ क्षेत्र में मिलता है। साथ ही हरिद्वार जिले में रेड श्रेणी की फैक्टरियां भी न के बराबर है। ऐसे में हरिद्वार में पानी की खराब गुणवत्ता का मामला उतना बड़ा नहीं है। ऐसे में संकेत मिल रहे हैं कि कुंभ के दौरान सप्ताह में दो या तीन दिन गंगा के पानी की गुणवत्ता की जांच होगी। इस बाबत क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी राजेंद्र कठैत ने बताया कि कुंभ के लिए गुणवत्ता की जांच की बाबत मुख्यालय से दिशा निर्देश का इंतजार किया जा रहा है। अगले हफ्ते तक गाइडलाइन जारी होने की उम्मीद है। गाइडलाइन मिलते ही उसके अनुरूप गुणवत्ता जांच का कार्य शुरू किया जाएगा।
15 दिसंबर तक पूरे हो जाएंगे कुंभ के 80 फीसदी कार्य: आयुक्त
गढ़वाल मंडल आयुक्त रविनाथ रमन ने कहा कि कुंभ मेले के लिए स्थायी कार्य किए जा रहे हैं। 80 प्रतिशत कार्य 15 दिसंबर तक पूरे हो जाएंगे। बाकी 20 प्रतिशत कार्य भी 31 दिसंबर तक पूरे होंगे। उन्होंने कहा कि मायापुर में पुलिस का स्ट्रक्चर बनाया जाएगा और यह फरवरी तक पूरा होगा। उन्होंने कहा कि कुंभ के लिए एक हजार बेड के अतिरिक्त कोविड सेंटर के लिए विकल्प तलाश की जा रही है। विकल्प के रूप में किराये के आधार पर पतंजलि योगपीठ से वार्ता की जाएगी।मेला नियंत्रण भवन (सीसीआर) हरिद्वार में आगामी कुंभ तैयारियों की स्थायी एवं अस्थायी कार्यों की समीक्षा के बाद आयुक्त ने कहा कि अस्थायी प्रकृति के कार्यों पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है। सड़क, पुल, बैरिकेड आदि कार्यों के संबंध में संबंधित विभागों ने टेंडर की कार्यवाही कर ली गई है।
कार्यों की गुणवत्ता खराब मिलने पर अधिकारी की होगी व्यक्तिगत जिम्मेदारी
गढ़वाल मंडल आयुक्त रविनाथ रमन ने समीक्षा के दौरान अधिकारियों से आपसी समन्वय बनाकर सभी कार्यों को निर्धारित लक्ष्य के अनुसार पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्यों की गुणवत्ता एवं पारदर्शिता पर विशेष जोर दिया जाए और लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। गुणवत्ता परीक्षण में कमी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी। ऋषिकेश में आस्था पथ पर बाढ़ नियंत्रण की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। आयुक्त ने कहा कि हाई पॉवर कमेटी में स्वीकृत अस्थायी कार्य ड्रेसिंग, समतलीकरण पार्किंग, निजी भूमि लेने की संभव कार्यवाही समय रहते पूर्ण कर ली जाए।
कुंभ मेले के दौरान कोविड नियंत्रण के सभी मानकों को पूर्ण करने और अस्थायी जर्मन हैंगर मीडिया सेंटर के टेंडर से संबंधित समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करने के निर्देश दिए।