कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत ने किया निर्माण कार्य का निरीक्षण
ऋ षिकेश। कुंभ मेला के तहत स्वर्गाश्रम, ऋषिकेश क्षेत्र में हो रहे तमाम विकास कार्यों का मेलाधिकारी दीपक रावत ने बुधवार को निरीक्षण किया। मेले के दौरान श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए संभावित भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त सुविधाएं बहाली के विकल्प भी तलाश किए गए। विभागीय अधिकारियों को 31 दिसंबर तक हर हाल में सभी कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। बुधवार दोपहर कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत विभागीय अधिकारियों के साथ चीला क्षेत्र में पहुंचे और यहां हाल ही बनी चीला-बैराज रोड का निरीक्षण कर गुणवत्ता परखी। कार्य संतोषजनक होने पर मेलाधिकारी स्वर्गाश्रम स्थित वेद निकेतन घाट पहुंचे। यहां कुंभ मेला की तैयारियों के मद्देनजर हो रहे विभिन्न घाटों के सौंदर्यीकरण कार्य को देखा। उन्होंने चौरासी कुटी का निरीक्षण कर आश्वास्त किया यहां भी पर्यटकों के लिए सुविधाएं विकसित की जाएंगी। निरीक्षण के दौरान मेलाधिकारी ने बताया स्वर्गाश्रम से लेकर ऋषिकेश तक कुंभ मेला के विकास कार्य चल रहे हैं। उन्हीं कार्यो का निरीक्षण किया गया है। विकास कार्यो की प्रगति बेहतर है। कार्य गुणवत्ता में कमी नहीं हो इसके लिए विभागीय अधिकारियों को हिदायत दी गई है।
मौके पर उपमेलाधिकारी डीएस सरस्वती, अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग नरेंद्रनगर खंड कमल सिंह, अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग दुगड्डा खंड सुबोध मैठानी, अधीक्षण अभियंता हरीश पांगती, सहायक अभियंता तकनीकी प्रकोष्ठ कुंभ मेला आनंद सैनी आदि मौजूद रहे।
घाटों में चेन लगाने के निर्देश
स्वर्गाश्रम, मुनिकीरेती क्षेत्र में घाटों के सौंदर्यीकरण कार्य के निरीक्षण के दौरान कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत ने सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को सभी घाटों में लोहे की चेन लगाने के निर्देश दिए। कहा कि चेन लगाने के लिए पैसा कुंभ मेला निधि से दिया जाएगा। लोहे की चेन लगने से श्रद्धालुओं को घाटों में नहाने में दिक्कत नहीं होगी और डूबने की घटना पर भी रोक लगेगी।
रामझूला से बैराज तक पैदल घूम सकेंगे पर्यटक
कुंभ मेला में तीर्थनगरी ऋषिकेश में पर्यटकों को आकर्षित करने की योजना पूरी हुई है। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता कमल सिंह ने बताया कि रामझूला से बैराज तक आस्थापथ को एक कर दिया गया है। पहले आस्थापथ बीच में कई हिस्से कटे हुए थे। कुंभ मेला में तैयार करीब 6.67 किलोमीटर लंबे आस्थापथ पर अब पर्यटक सुगमता से पैदल घूमने के साथ गंगा के दर्शन भी कर सकेंगे।