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सुप्रीम कोर्ट ने सिविल जज की परीक्षा में पात्रता शर्त पर आंध्र सरकार से मांगा जवाब, पांच जनवरी को होगी सुनवाई

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नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश में दीवानी न्यायाधीश के पद पर नियुक्ति के लिए ली जाने वाली परीक्षा में बैठने के लिए तीन साल तक वकालत करने की अनिवार्य शर्त को चुनौती देने वाली एक याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस अनिरुद्घ बोस की अवकाशकालीन पीठ ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार को भी नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई पांच जनवरी को होगी। शीर्ष अदालत ने आंध्र प्रदेश राज्य न्यायिक सेवा नियमों की शर्त को चुनौती देने वाली आऱवेंकटेश की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह नोटिस जारी किया गया है। इस नियम के तहत सिविल जज के पद के लिए आवेदन करने वाले के लिए वकील के रूप में कम से कम तीन साल वकालत करने का अनुभव अनिवार्य है।
याचिका में तीन दिसंबर की अधिसूचना को चुनौती दी गई है। इस अधिसूचना के माध्यम से ही राज्य में सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के पद पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि भर्ती की यह प्रक्रिया आंध्र प्रदेश राज्य न्यायिक (सेवा और कैडर) नियम, 2007 के तहत होगी। इस पद के लिए अनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि दो जनवरी है।

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