किसानों की चेतावनी के बाद पुलिस अलर्ट, सड़कों पर कील की चादर और 10 लेयर की सुरक्षा
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन करीब दो महीने से ज्घ्यादा से जारी है। छह फरवरी को किसान संगठनों द्वारा नेशनल और स्टेट हाईवे को जाम किया जाएगा। किसान संगठन भारतीय किसान मोर्चा (आर) के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने बताया कि शनिवार को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक नेशनल और स्टेट हाईवेज को पूरी तरह ठप किया जाएगा। किसानों की चेतावनी के बाद पुलिस अलर्ट है। सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। इधर, किसान दिल्घ्ली के तीनों बर्डर पर जमे हुए हैं। सिंघु बर्डर, टीकरी बर्डर और गाजीपुर बंर्डर पर किसानों की काफी संख्घ्या जमा है। किसानों की मांग है कि जब तक सरकार हमारी मांगेंं नहीं मानती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
किसानों की 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के समय जो हिंसा हुई, उससे सबक लेते हुए अब टीकरी बार्डर पर सुरक्षा की लेयर लगातार बढ़ाई जा रही हैं। लोहे के बैरिकेड के अलावा जर्सी बैरियर की दोहरी लेयर और सड़क पर कील की परत बिछा देने के बाद सीमेंट और सरिये से नई दीवार बनाई जा रही है।
मंगलवार को दिन भर यहां पर पुलिस की ओर से ये इंतजाम किए जाते रहे। यहां पर सुरक्षा बल भी बढ़ाया गया है। दिल्ली पुलिस की टुकड़ी भी तैनात है। इस तरह के प्रबंध किए गए हैं कि 100 मीटर के दायरे में ही सुरक्षा की 10 लेयर बनाई गई है। पुलिस बल के अलावा सीमा सुरक्षा बल, रैपिड एक्शन फोर्स, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल की टुकडिघ्यां तैनात की गई हैं। 24 घंटे यहां पर पूरा सुरक्षा अमला अलर्ट मोड पर रहता है।
सबसे पहले किसानों के पंडाल के पास बैरिकेडिंग है। यह किसानों ने ही कर रखी है। इससे आगे दिल्ली पुलिस की ओर से पहले लोहे के बैरिकेड की दोहरी लेयर, फिर सीमेंट के बैरियर की दोहरी लेयर, इससे आगे सामान्य बैरिकेड हैं। इनके बीच में भारी सुरक्षा बल तैनात है। इससे बाद करीब तीन-तीन फीट के हिस्से में सड़क के दोनों किनारों तक सरिये से बनी कील बिछाई गई है। यहां से आगे अब सीमेंट के बैरियर लगाकर उनके बीच सरिये और सीमेंट-कंकरीट भर दिया गया है। ताकि यह एक मजबूत दीवार बनी रही। इससे आगे फिर बैरिकेडिंग है। वहां पर सुरक्षा बल तैनात हैं।
इसके बाद से जिग-जैग अंदाज में कंटेनर, पुराने, ट्राले, सीमेंट के बड़े-बड़े बैरियर रखे गए हैं। पुलिस व सुरक्षा बल का अमला शिफ्टों में यहां पर मुस्तैदी दिखा रहा है। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा को लेकर 26 जनवरी को जो हुआ, उसके बाद किसानों की बात का विश्वास नहीं किया जा सकता। इसीलिए ये इंतजाम किए जा रहे हैं।
वहीं अब बहादुरगढ़ में भी आंदोलन स्थल पर चौबीसों घंटे निगरानी की जा रही है। इसके अलावा डिजिटल तरीके से भी प्रशासन ने निगरानी करने का निर्णय लिया है। इसके लिए टीकरी बार्डर से लेकर सेक्टर नौ बाईपास तक आंदोलन स्थल पर पीटीजेड (पैन टिल्ट जूम स्टाइल) सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्णय लिया गया है। पुलिस विभाग ने उपायुक्त से आंदोलन स्थल पर पीटीजेड सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की है। बहुत जल्द ही यह सीसीटीवी कैमरे यहां पर लगा दिए जाएंगे।क्या होता है पीटीजेड कैमरा पैन टिल्ट जूम स्टाइल के कैमरे सर्विलांस के वक्त दाएं-बाएं तो घुमाए ही जा सकते हैं, साथ ही इन्हें मनचाहे अब्जेक्ट पर जूम भी किया जा सकता है। बेहद संवेदनशील जगहों जैसे गोदाम या रक्षा प्रतिष्ठानों की निगरानी के लिए ये कैमरे बेहतर होते हैं।