स्कूल के उच्चीकरण के बाद शिक्षकों की नियुक्ति करना भूली सरकार
बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था उच्चीकरण
शिक्षक नहीं होने से इच्छुक होने के बावजूद बच्चे नहीं ले पाए प्रवेश
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। नगर निगम के वार्ड नंबर तीन सनेह के राजकीय कन्या इंटर कॉलेज लालपानी का उच्चीकरण तो किया गया, लेकिन शिक्षकों की तैनाती करना सरकार शायद भूल गई। जिससे शिक्षकों की नियुक्ति न होने से बेटियां आगे की पढ़ाई के लिए प्रवेश नहीं ले पा रही है। अभिभावकों का कहना है कि एक ओर तो सरकार बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की बात कह रही है, वहीं विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्त नहीं की जा रही है। जिससे सरकार के दावे महज दिखावा ही नजर आ रहे है।
सरकार ने वर्ष 2015-2016 में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजकीय कन्या हाईस्कूल लालपानी का उच्चीकरण कर इंटर कॉलेज बनाया। विद्यालय को इंटरमीडिएट में विज्ञान वर्ग की मान्यता दी गई। जिसमें प्रधानाचार्य सहित प्रवक्ता के पद सृजित हुए, लेकिन, आज पांच वर्ष बाद भी स्वीकृत पदों के सापेक्ष नियुक्ति नहीं हो पाई है। शिक्षक अभिभावक संघ के अध्यक्ष चन्द्रेश लखेड़ा ने बताया कि सनेह क्षेत्र में एक भी बालिका विद्यालय नहीं था। जिस कारण अधिकांश बालिकाएं बीच में ही पढ़ाई छोड़ देती थी। क्षेत्रीय जनता ने बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने को लेकर सरकार से कन्या विद्यालय खोलने की मांग की थी। सरकार ने वर्ष 2015-2016 में राजकीय कन्या हाईस्कूल लालपानी का उच्चीकरण कर विज्ञान वर्ग में राजकीय कन्या इंटर कॉलेज लालपानी का दर्जा दिया, लेकिन अभी तक पदों के सापेक्ष नियुक्ति नहीं हो पाई है। विद्यालय में इंटरमीडिएट में हिंदी, रसायन विज्ञान, अंग्रजी, गणित, भौतिक विज्ञान प्रावक्ता का पद स्वीकृत है। वर्तमान समय में केवल गणित और भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता की ही तैनाती है। विद्यालय में हिन्दी, रसायन विज्ञान और अंग्रेजी प्रवक्ता का पद रिक्त चल रहा है।
चन्द्रेश लखेड़ा ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए बालिकाओं का शिक्षित होना आवश्यक है। इसके लिए शासन स्तर पर बालिकाओं को शिक्षित करने के लिए विशेष कदम उठाने की जरूरत है। वर्तमान में लड़कियां शिक्षा के क्षेत्र में लड़कों की अपेक्षा ज्यादा परचम लहरा रही हैं। वहीं सनेह क्षेत्र में एक मात्र बालिका विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने से बालिकाओं को दूर दराज के विद्यालयों में शिक्षा लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। जिससे लगातार विद्यालय की छात्र संख्या घट रही है। जनप्रतिनिधियों की अनदेखी का खामियाजा यहां की बालिकाओं को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति की मांग को लेकर शासन-प्रशासन से पत्राचार किया जा रहा है, लेकिन शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है।
बालिका शिक्षा के प्रति गंभीर
कोटद्वार। सामाजिक कार्यकर्ता रेखा नेगी का कहना है कि वर्तमान में लड़कियां शिक्षा के प्रति ज्यादा गंभीर हैं, जो पढ़ लिखकर हर क्षेत्र में अपना सहयोग देकर देश को मजबूत करने का काम कर रही हैं। लड़कियां शिक्षित होकर विभिन्न क्षेत्रों सहित देश की सीमाओं पर भी पहरा दे रही हैं। यह हम सब के लिए गौरव की बात है। बालिका शिक्षा के लिए शासन स्तर पर बड़े-बड़े दावे तो किए जाते हैं लेकिन जमीनी स्तर पर काम नहीं हो पाता है। सरकार को बालिका शिक्षा के प्रति गंभीरता से कदम उठाने की जरूरत है। जिससे अधिक से अधिक बालिकाएं शिक्षित हो सकेंगी।
जनजागरूकता का अभाव
कोटद्वार। राजकीय कन्या इंटर कॉलेज लालपानी के पीटीए अध्यक्ष चन्द्रेश लखेड़ा ने कहा कि जनजागरुकता के अभाव में अभी कई परिवार अपनी बेटियों को ज्यादा पढ़ाने से हिचकिचाते हैं। कई लोगों की अभी भी सोच है कि बेटी पढ़ लिखकर क्या करेगी, जब उसे घर का ही काम करना है। हमको यह सोच बदलने की जरूरत है। उन्होेंने कहा कि सनेह क्षेत्र के एक मात्र बालिका स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति न होना यहां की बालिकाओं के साथ अन्याय है।