ट्विटर को सरकार की सख्त चेतावनी, किसानों के नरसंहार की बात भ्रामक
नई दिल्ली, एजेंसी। सरकार ने ट्विटर को सख्त चेतावनी देते हुए फार्मर्स जेनोसाइड हैशटैग से चलने वाले सभी अकाउंट ब्लाक करने और उससे जुड़ी सामग्री हटाने का निर्देश दिया है। सरकार ने माइक्रो ब्लागिंग साइट को नोटिस भेजकर चेताया है कि इस हैशटैग से जो सामग्री प्रसारित की जा रही है वह अभिव्यक्ति की आजादी नहीं बल्कि समाज के ताने-बाने के लिए गंभीर खतरा है। सरकार ने यह भी कहा कि उसके आदेश का पालन नहीं हुआ तो दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के आंदोलन को लेकर मचे घमासान के बीच एक तरफ जहां देश-विदेश के कई सेलिब्रिटी सक्रिय हो गए हैं वहीं ट्विटर पर फार्मर्स जेनोसाइड (किसानों का नरसंहार) हैशटैग के साथ सैकड़ों ट्विटर अकाउंट पिछले शनिवार से माहौल ख्रराब करने में जुटे हैं। सरकार के निर्देश पर ट्विटर ने उन्हें ब्लाक करने के कुछ घंटों बाद ही अनब्लाक कर दिया था।केंद्र सरकार ने ट्विटर को नोटिस भेजकर साफ कहा है कि नरसंहार की बात बोलना, अभिव्यक्ति की आजादी नहीं बल्कि कानून व्यवस्था और सामाजिक ताने-बाने के लिए गंभीर खतरा है। ट्विटर सिर्फ एक मध्यस्थ है और सरकारी आदेश मानना उसके लिए बाध्यकारी है।
नोटिस में आईटी व इलेक्ट्रनिक्स मंत्रालय ने कहा कि ट्विटर पर श्मोदी प्लानिंग फार्मर्स जेनोसाइडश् हैशटैग से ट्वीट डाले गए जो पूरी तरह गुमराह करने वाले हैं। ये ट्वीट भारत में नफरत व समाज में अलगाव फैलाने की नीयत से किए गए हैं। सरकार ने ट्विटर की उस दलील को भी खारिज कर दिया कि कोई प्रतिबंध सिर्फ व्यक्ति विशेष पर लगाया जा सकता है पूरे हैंडल पर नहीं।सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के कुछ मामलों के हवाले से समझाया कि कई बार यह तय करना मुश्किल होता है कि कौन सा खास व्यक्ति माहौल बिगाड़ सकता है और कौन नहीं। ऐसी स्थिति में समग्र रूप से फैसला लेना होता है।
मंत्रालय ने यह भी बताया कि कानून व्यवस्था एक मुद्दा है और सामाजिक ताना-बाना दूसरा। गणतंत्र दिवस के दिन कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश की गई थी। श्मोदी प्लानिंग फार्मर्स जेनोसाइडश् से ट्वीट का सिलसिला गत शनिवार से शुरू हुआ था। इन ट्वीट से फैलाई जा रही भ्रामक सूचनाओं से हिंसा भड़कने की आशंका पर 31 जनवरी को आइटी व इलेक्ट्रनिक्स मंत्रालय ने आपात बैठक की। बैठक के बाद इस हैशटैग से जुड़े 257 यूआरएल ब्लाक करने के लिए ट्विटर से कहा गया। मंत्रालय ने यह निर्देश आइटी एक्ट के सेक्शन 69 ए के तहत दिया।
मंत्रालय का कहना है कि सरकार के निर्देश के बावजूद ट्विटर ने एकतरफा फैसला लेकर उसे अनब्लाक कर दिया। इस मामले में मंत्रालय की गठित कमेटी के सामने ट्विटर के वकील जब एक फरवरी को दोपहर तीन बजे पेश होने वाले थे तो ठीक उसके पहले कुछ मिनट के लिए उन ट्वीट को ब्लाक कर दिया गया। मंत्रालय का कहना है कि उन ट्वीट तक अब भी सबकी पहुंच हैं। निश्चित रूप से उन्हें फारवर्ड किया जा रहा है। मंत्रालय ने बताया कि ट्विटर बोलने की आजादी का हवाला देकर उन अकाउंट को सक्रिय रहने की दलील दे रहा है जो सरासर गलत है।