चेकबाउंस के आरोपी को छह माह की जेल और 22 लाख का जुर्माना
– पूर्व फौजी ने प्रोपर्टी के धंधे में लगाने के लिए दिए थे 18 लाख
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। प्रोपर्टी डिलिंग के धंधे में पूर्व फौजी से लिए गए 18 लाख रूपये वापस न करना प्रोपर्टी डीलर को महंगा पड़ा है। 18 लाख रूपये का चेक अनादरित (बाउंस) होने पर प्रोपर्टी डीलर को स्थानीय न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने 6 माह का साधारण कारावास एवं 22 लाख 10 हजार रूपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। निर्णय में अदालत ने कहा कि अर्थदंड अदा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास भोगना पड़ेगा। जबकि उससे प्रतिकर की धनराशि 22 लाख रूपये विधि अनुसार वसूल किए जाएंगे।
मामले की जानकारी देते हुए परिवादी रविंद्र डबराल के अधिवक्ता अंकित अग्रवाल ने बताया कि सेना से रिटायर्ड उनके मुवाकिल ने सुबोध थापा (अध्यक्ष कोओपरेटिव सोसाइटी) लच्छमपुर कलालघाटी को अच्छी जान पहचान व मित्रता होने के कारण प्रोपर्टी डिलिंग के कार्य में पैसा इन्वेस्टमेंट करने के लिए वर्ष 2017 में एनईएफटी व नगद के रूप में 18 लाख रूपये दिए थे, लेकिन काफी समय तक उसकी रकम वापस न मिलने पर जब उसने तकादा किया तो फरवरी 2018 में सुबोध थापा द्वारा उसे 18 लाख रूपये का चेक दिया गया। जो बैंक में पर्याप्त धनराशि न होने के कारण बाउंस हो गया। जिसकी वसूली के लिए रविंद्र डबराल द्वारा उसे नोटिस भी भेजा गया, लेकिन फिर भी उसने पैसा नही लौटाया। जबकि आरोपी सुबोध थापा ने अपने बचाव में कहा कि उसने रविंद्र डबराल के बजाय उसके भाई को ब्लैंक चेक दिया था, लेकिन न्यायालय ने उनकी इस दलील का अमान्य करते हुए परिवादी रविंद्र डबराल के पक्ष में फैसला सुनाते हुए आरोपी सुबोध थापा को छह माह का कारावास और 22 लाख 10 हजार रूपये अर्थदंड के रूप में दंडित किया है। जिसमें से 22 लाख रूपये परिवादी को प्रतिकर के रूप में अदा किए जाएंगे एवं 10 हजार रूपये राज्य के पक्ष में जमा करवाये जाएंगे।