कोटद्वार-पौड़ी

54वां प्रादेशिक निरंकारी संत समागम 26 फरवरी से

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
54वां प्रादेशिक निरंकारी संत समागम आगामी 26 से 28 फरवरी 2021 को वर्चुअल रूप में महाराष्ट्र में आयोजित किया जा रहा है। कोरोना वायरस का संक्रमण अभी भी पूर्णतया थमा नहीं है, इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा कोविड-19 के बारे में जारी किए गये दिशा-निर्देशों के अनुसार समागम का आयोजन वर्चुअल रूप में किया जा रहा है। इस वर्ष समागम का मुख्य विषय ‘स्थिरता’ रखा गया है। प्रकृति में निरंतर परिवर्तन होता रहता है और कई प्रकार की उथल-पुथल होती रहती है। केवल एक परमसत्य परमात्मा ही स्थिर है। जिस मनुष्य का नाता इस एकरस रहने वाली सत्ता से जुड़ जाता है, उसके जीवन में ‘स्थिरता’ आ जाती है और हमें हर परिस्थिति में एकरस रहने की शक्ति मिल जाती है। महाराष्ट्र के इस समागम के माध्यम से भी इसी पावन संदेश को वर्चुअल रूप में जनमानस तक पहुंचाने का प्रयास किया जायेगा।
राज कुमारी मेम्बर इंचार्ज प्रेस एवं पब्लिसिटी विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि मिशन के सेवादारों के द्वारा पिछले करीब डेढ़ महीने से इस संत समागम की तैयारियां संत निरंकारी सत्संग भवन, चेम्बूर, मुंबई में हो रही हैं। सतगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के सानिध्य में समागम में सम्मिलित होने वाले वक्ता, गीतकार, गायक, कवि, संगीतकार एवं वादक सभी इस भवन में आकर अपनी प्रस्तुतियां प्रस्तुत कर चुके हैं, जिसे वर्चुअल रूप में प्रसारित करने के लिए रिकॉर्ड किया गया है। महाराष्ट्र के सभी क्षेत्रों के अतिरिक्त आस-पास के राज्यों तथा देश-विदेशों से भी कई वक्ताओं ने इस समागम में हिस्सा लिया है। मिशन के इतिहास में ऐसा प्रथम बार होने जा रहा है कि 54वां प्रादेशिक निरंकारी संत समागम वर्चुअल रूप में आयोजित किया जा रहा है। संपूर्ण समागम का वर्चुअल प्रसारण मिशन की वेबसाईट पर 26, 27 एवं 28 फरवरी को प्रस्तुत किया जायेगा। इसके अतिरिक्त यह समागम संस्कार टीवी चैनल पर तीनों दिन सायं 5 से रात्रि 9 बजे तक प्रसारित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र का पहला समागम 1968 में शिवाजी पार्क, मुंबई में बाबा गुरबचन सिंह के सानिध्य में संपन्न हुआ। राज कुमारी ने कहा कि संत निरंकारी मिशन सदैव ही समाज सेवा के लिए अग्रणी रहा है। विश्व आपदा कोविड-19 के दौरान संत निरंकारी मिशन द्वारा जनकल्याण की भलाई के लिए अनेक सराहनीय कार्य किए गये। जिसमें मुख्यत: संत निरंकारी मण्डल द्वारा मुम्बई में गठित, संत निरंकारी ब्लड बैंक ने अहम भूमिका निभाई और हजारों की संख्या में हर जरूरतमंदों को समय पर ब्लड देकर उनका जीवन बचाया। यह सेवाएं निरंतर जारी हैं।

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