पेंशन कटौती का मुद्दा विधानसभा में उठाने की मांग की
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। अटल आयुष्मान योजना के तहत बन रहे गोल्डन कार्ड के लिए पेंशन में से हो रही कटौती से सेवानिवृत्त कर्मचारियों में गुस्सा है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने गोल्डन कार्ड के नाम पर एक समान कटौती का विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कि अंशदान की कटौती उन पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों से भी कर दी गई, जिन्होंने अभी तक गोल्डन कार्ड नहीं बनाए हैं। किसी परिवार में पति-पत्नी सरकारी पेंशनर है तो दोनों की पेंशन से कटौती की गई है।
डॉ. इंदिरा हृदयेश नेता प्रतिपक्ष विधानसभा उत्तराखंड को प्रेषित पत्र में सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य विनोद चन्द्र कुकरेती ने कहा कि सरकार अटल आयुष्मान योजना के तहत चिकित्सा उपचार के रूप में पेंशन पर भारी कटौती कर रही है। पेंशनर्स को उनके अंतिम आहरित मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन प्राप्त होती है। राज्य कर्मचारियों तथा समस्त कोटि के पेंशनर शिक्षकों से राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना की गोल्डन कार्ड योजना में सीधे मासिक मूल पेंशन से उसी दर पर अंशदान काटा जा रहा है, जैसा नियमित राज्य कर्मचारियों पर लागू है। पेंशनर्स से 50 प्रतिशत की ही दर से अंशदान काटा जाना चाहिए और यह न्याय के अनुकूल है। जहां पति एवं पत्नी दोनों पेंशनर हैं में से केवल एक (जिसकी मूल पेंशन अधिक है) से ही अंशदान लिए जाने की व्यवस्था, संबंधित शासनादेश में स्पष्ट की गई है, लेकिन पौड़ी गढ़वाल जिले में ऐसा नहीं हो रहा है। दोनों पेंशनर्स की पेंशन से जनवरी 2021 से कटौतियां की जा रही हैं। विनोद कुकरेती ने नेता प्रतिपक्ष से आगामी 1 मार्च से प्रस्तावित विधानसभा सत्र में इस मामले को उठाने की मांग की है।