शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जल की शुद्धता आवश्यक
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकास्ट) देहरादून एवं उत्तराखण्ड जल संस्थान देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय के सहयोग से बाल भारती सीनियर सेकेण्ड्री स्कूल मोटाढांक में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में पेयजल की गुणवत्ता को रासायनिक व प्रायोगिक तरीके से जानने की विधि सिखाई गई।
कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि महापौर श्रीमती हेमतला नेगी, पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी, यूकास्ट के समन्वयक डॉ. प्रशान्त सिंह, पौड़ी परिसर के रयासन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रभाकर बडोनी, प्रधानाचार्य गिरिराज सिंह रावत, सरोजनी रावत, एनएसएस के जिला समन्वयक परितोष रावत ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। तत्पश्चात छात्राओं ने सरस्वती वंदना और स्वागत गीत की प्रस्तुति दी। मुख्य अतिथि हेमलता नेगी ने कहा कि जल जीवन की एक बुनियादी आवश्यकता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जल की शुद्धता आवश्यक है। काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि दूषित जल का सेवन करने से पीलिया, आंत्रशोध, डायरिया जैसी बीमारियों शरीर को नुकसान पहुंचाती है। उन्होंने छात्र-छात्राओं ने आह्वान करते हुए कहा कि अधिकाधिक वृक्षारोपण करके हमें प्राकृतिक जलस्रोतों, जलाशयों और नदियों को संरक्षित करने के लिए सामूहिक प्रयास करने चाहिए। डॉ. प्रभाकर बडोनी ने जल के नमूने एकत्रित करने के तरीकके और भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार जल गुणवत्ता के मानकों की जानकारी दी। कार्यक्रम में एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक पुष्कर सिंह नेगी, एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी मनोज रावत, सुनील प्रकाश मधवाल, रेनू गौड़, अल्का बिष्ट, हेमा अग्रवाल, सुरजी नेगी, विपिन रावत, सत्यपाल नेगी, हिमांशु द्विवेदी, रोशन सिंह नेगी, दिनेश राणा, यतेन्द्र कोहली, मनीष रावत, मुकेश भंडारी, कविता त्रिपाठी, नेहा सेमवाल के अलावा 85 स्वयं सेवियों को प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया गया।