भगवान सिंह टम्टा के निधन पर जताया शोक
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। शैलशिल्पी विकास संगठन के सदस्यों ने समाजसेवी भगवान सिंह टम्टा के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए भावभीनी श्रद्धाजंलि दी।
कर्मवीर जयानन्द भारतीय स्मृति पुस्तकालय में आयोजित शोक सभा में संगठन के संयोजक विकास कुमार आर्य ने कहा कि भगवान सिंह टम्टा का यूं अचानक चले जाना उनके परिवार के साथ ही समस्त शिल्पकार समाज के लिए बड़ा आघात है। उन्होंने वर्ष 2008 में सेवानिवृत्ति के बाद से ही डॉ. भीमराव अम्बेडकर साहब के आदर्शों पर चलकर गरीब, कमजारों, वंचितों की आवाज बनकर उन्हें शिक्षित संगठित करने के लिए निरन्तर कार्य किये। एससी, एसटी शिक्षक एसोसिएशन के पूर्व प्रदेश महामंत्री अनूप पाठक ने कहा कि स्व. टम्टा ने सेवा में रहते हुए वंचित वर्गों की लड़ाई लड़ने के लिए अखिल भारतीय स्तर पर अनुसूचित जाति, जनजाति परिसंघ उत्तराखण्ड के पहले अध्यक्ष एवं वर्तमान में संरक्षक के पद पर थे। जिलाधिकारी कार्यालय के समीप डॉ. अम्बेडकर की मूर्ति स्थापित करने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। संगठन के अध्यक्ष शिव कुमार ने कहा कि स्व. टम्टा को शिल्पकार समाज कभी भुला नहीं सकता। समाज के सक्षम, शिक्षित लोगों को उनसे हमेशा प्रेरणा मिलती रहेगी। समाजसेवी सुरेन्द्र लाल आर्य ने कहा कि स्व. टम्टा को हमेशा याद किया जाएगा। इस अवसर पर सतेन्द्र खेतवाल, दीपक कोटला, अरूण कोटला, दलीप कश्यप, इन्द्र कुमार, प्रवीन कुमार, हर्ष कुमार, अनिल कुमार आदि मौजूद थे।