नवंबर से अब तक वनाग्नि की 74 घटनाएं

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जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी।
गढ़वाल वन प्रभाग क्षेत्र में वनाग्नि की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। क्षेत्र भर में जंगल धू-धू कर जल रहे हैं। हालांकि वन विभाग वनों की आग पर नियंत्रण के लिए प्रयासरत रहने की बात कह रहा है। लेकिन जंगलों की आग बढ़ती जा रही है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वनों की आग पर नियंत्रण के लिए ग्रामीणों से भी सहयोग लिया जा रहा है।
जनपद मुख्यालय के आस-पास फरवरी माह से ही जंगलों में आग भड़क रही है। जंगलों की आग से लाखों की वन संपदा खाक हो गई है। इसके अलावा वन्य जीवों की कई प्रजातियों पर भी संकट पैदा हो गया है। इस वर्ष जंगलों में आग फायर सीजन से पहले ही बैकाबू हो गई है। स्थानीय निवासी सुरेश प्रसाद बड़थ्वाल, जेपी बहुगुणा, सुनील रावत ने कहा कि जंगल पिछले वर्ष नवंबर माह से ही जल रहे हैं। लेकिन वन विभाग जंगलों की आग को गंभीरता से नहीं ले रहा है। कई बार तो वन विभाग के कर्मचारी सूचना के बावजूद भी घटना स्थल नहीं पहुंचते हैं। गढ़वाल वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी केएस रावत ने कहा कि पिछले वर्ष नवंबर माह से अब तक वनाग्नि की 74 घटनाएं हो चुकी हैं। जिसमें 151 हैक्टेयर वन भूमि प्रभावित हुई है। डीएफओ रावत ने कहा कि वनाग्नि पर नियंत्रण के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। ग्रामीणों से सहयोग लिया जा रहा है।

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