Uncategorized

भेड़ पालन व्यवसाय ठप करने का आरोप लगाया

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

उत्तरकाशी। चरान- चुगान का परमिट न मिलने से मोरी व सरबडियाड क्षेत्र के हजारों भेड़ पालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं वन विभाग की ओर से परमिट न दिए जाने पर भेड़ पालकों ने विभाग पर भेड़ पालन व्यवसाय ठप करने का आरोप लगाया है। सीमांत ब्लॉक मोरी के पंचगाई, फते पर्वत,बडासु के दो दर्जन व पुरोला ब्लॉक के सरबडियाड के आधा दर्जन से अधिक गांव के ग्रामीणों की आजीविका भेड़ व बकरी पालन पर निर्भर है। लेकिन डेढ़ दशक से नए भेड़ पालकों को ठंड के सीजन में मैदानी क्षेत्रों में चरान-चुगान का परमिट वन विभाग ने जारी नहीं किया है। जिससे भेड़ पालन करने वाले व्यवसायियों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। हालात यह हैं कि शीतकाल के मार्च से सितंबर तक 8 महीने क्षेत्र के भेड़ पालक अपनी मवेशियों को लेकर मसूरी चंबा, केंपटी फॉल, लाघां आदि के जंगलों में चरांन चुगान को चले जाते हैं, किंतु वहां के वनों के बीच बसे ग्रामीण भेड़ पालकों के पास परमिट न होने के कारण वन अधिकारी व ग्रामीण परेशान कर अवैध धन वसूली करते आ रहे हैं। जिसके लिए मोरी ब्लॉक के लिवाड़ी,फिताडी, जखोल, सेवा बरी,ओसला गंगाड, ढाटमीर, पंवाणी व सरबडियाड़ पट्टी के दर्जन भर गांवों के भेड पालकों ने सरकार से परमिट जारी करने की मांग की है।
मैदानी क्षेत्र के जंगलों में चरान चुगान को बहार से आनेवाले भेड़ बकरियों की संख्या कई गुना बढनें से वहां चारापत्ती, घास की समस्या पैदा होने से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है। वहीं वर्किंग प्लान के अनुसार भेड़ पालन का पेतृक व्यवसाय करनें वालों को ही चरान चुगान परमिट दिये गये हैं, नये परमिटों को जारी करनें को शासन से मांग की गई है। -कहकशा नसीम, डीएफओ मसूरी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!