तीर्थयात्रा को दूसरा कुंभ बनने की अनुमति नहीं दी जा सकती: हाईकोर्ट
नैनीताल। तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर राज्य सरकार को आगामी चारधाम यात्रा के लिए जल्द मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करने का निर्देश देते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि तीर्थयात्रा को दूसरा कुंभ बनने की अनुमति नहीं दी जा सकती। मुख्य न्यायाधीश आर. एस. चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने यह टिप्पणी मंगलवार को राज्य सरकार के महामारी से निपटने के तरीके को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर वर्चुअल सुनवाई के दौरान की। अदालत ने राज्य सरकार को राज्य के सुदूर क्षेत्रों में सचल प्रयोगशालाओं की मदद से जांच करने और कोविड अस्पतालों की संख्या में वृद्धि करने के अलावा स्वास्थ्यकर्मियों को पर्याप्त संख्या पीपीई किट तथा अन्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए। अदालत ने सरकार से अस्थाई अस्पतालों के निर्माण में केंद्रीय एजेंसियों से मदद लेने को कहा। अदालत ने यह भी कहा कि सरकारी अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन हो तथा निजी अस्पतालों में 25 फीसदी बिस्तर बीपीएल कार्डधारकों के लिए आरक्षित किए जाएं। सरकार से अदालत ने कोविड-19 टीके तथा रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता के बारे में पूछा और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह सभी अस्पतालों और टीकाकरण केंद्रों के बारे में सूचना ऑनलाइन उपलब्ध कराए। उच्च न्यायालय ने स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी को सुनवाई की अगली तारीख 10 मई से पहले इन सभी बिंदुओं पर एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने तथा व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है ।