चौथे दिन भी जीएमओयू की बसों के रहे पहिये जाम, बस अड्डे पर पसरा सन्नाटा

Spread the love

जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
गढ़वाल मोटर्स ऑनर्स यूनियन ने यात्री किराया दोगुना करने की मांग को लेकर चौथे दिन बुधवार को भी बस सेवाएं बंद रखी। जिसके चलते यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ऐसे में मजबूरन लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए प्राइवेट टैक्सी का सहारा लेना पड़ा रहा है। सामान्य दिनों में जीएमओयूलि के बस अड्डे में पांव रखने के लिए जगह नहीं मिलती थी, लेकिन कंपनी की बसों के चक्का जाम होने से पिछले चार दिन से जीएमओयू का बस अड्डा सुनसान पड़ा हुआ है। 
जीएमओयू को पहाड़ में यातायात की रीढ़ माना जाता है। पहाड़ी मार्गों पर कंपनी की बसों का संचालन होता है। इस बसों में यात्रा कर लोगों अपने गतंव्य तक पहुंचते है, लेकिन 2 मई से कंपनी की बसों के चक्का जाम होने से यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना संक्रमण के मामलों की रोकथाम के लिए शासन की ओर से वाहन संचालकों को बस में केवल पचास प्रतिशत यात्री ही ले जाने के निर्देश जारी किए गये थे। आधी सवारियों के साथ वाहन संचालन में हो रहे घाटे को कम करने के लिए जीएमओयू संचालक मंडल ने शासन से प्रति सीट किराया दोगुना किए जाने की मांग की गई, लेकिन प्रदेश सरकार ने बसों का किराया बढ़ाने से साफ मना कर दिया। जिसके बाद कंपनी द्वारा रविवार से अनिश्चितकालीन चक्का जाम शुरू कर दिया था। कंपनी ने बुधवार को भी बसों की सेवाओं को बंद रखा। तीन दिन बीत जाने के बावजूद भी सरकार ने जीएमओयूलि की मांग का संज्ञान नहीं लिया। जिससे कंपनी से जुड़े मोटर मालिकों व कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। एकेश्वर निवासी सौरभ ने बताया कि उन्हें अपने परिवार के साथ दिल्ली जाना था, कोटद्वार जाने के लिए वह बस का इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान लोगों ने बताया कि जीएमओयू की बसें आजकल चक्का जाम होने की वजह से नहीं आ रही है। जिस कारण प्राइवेट वाहन बुक कराकर अपने गंतव्य तक जाना पड़ा। जीएमओयूलि के अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल का कहना है कि डीजल के बढे़ हुए दाम तथा 50 फीसदी सवारियों के साथ बसों का संचालन करना घाटे का सौदा बन गया है, जब तक सरकार उनकी मांग नहीं मानती तब तक चक्का जाम जारी रहेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *