संवाददाता, चमोली। कोविड-19 के चलते नगर क्षेत्र में स्थानीय निकाय सहित विभिन्न विभागों के विकास कार्यो पर ब्रेक लगने से योजनाएं अधर में लटक गई हैं। लॉकडाउन में छूट के चलते भले ही निर्माण कार्य की अनुमति मिलने से राहत मिली हो। लेकिन, प्रवासी कामगारों के अपने घर रवाना होने से निर्माण मजदूर न मिलने से कार्यदायी संस्थाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल नगर क्षेत्र कर्णप्रयाग अंर्तगत बीते एक वर्ष से अलकंनदा व पिंडर नदियों को नमामि गंगे के तहत स्वच्छ रखे जाने के उद्देश्य से उत्तराखंड पेयजल निगम की देखरेख में सीवरेज टैंक निर्माण कार्य मई तक पूरा होना था। लेकिन, बीते 22 मार्च से कार्य की रफ्तार थमने व अब प्रवासी कामगारों के घर वापस चले जाने से निर्माण कार्य अधर में लटक गया है। निर्माण एजेंसी की माने तो नगर क्षेत्र कर्णप्रयाग में सीवरज पाइप लाइन बिछाए जाने व मुख्य बाजार, कर्णशिला, सुभाषनगर, गांधीनगर व उमा देवी तिराहे पर पांच सीवरेज टैंक निर्माण पूरा कर ट्रायल की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। कई स्थानों पर सीवरेज टैंक क्षतिग्रस्त हालत में है और चैंबरों की मरम्मत सहित उमा देवी तिराहे पर निर्माणाधीन सीवेज टैंक निर्माण भी पूरा नहीं हो सका है। जबकि मुख्य बाजार में तैयार टैंक को जोड़ने वाली पाइप लाइन कार्य भी आधा-अधूरा है।
नगर पालिका कर्णप्रयाग को भी हर माह तीन लाख रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ रहा है। विभिन्न मदों से होने वाली वसूली न होने से कर्मचारियों के मानदेय का संकट बना है। पार्किंग शुल्क, तहबाजारी, श्रमिक लाइसेंस सहित अन्य कार्यो से वर्षभर में पालिका 35 लाख रुपये का बोर्ड फंड एकत्र करती है। फिलहाल सभी कर्मचारियों को मार्च माह तक का वेतन दिया जा चुका है और नगर को स्वच्छ रखने के लिए 40 से अधिक स्वच्छ कर्मचारी विभिन्न वार्डो में सेनिटाइज कार्य में जुटे हैं। अब गतिविधियों के शुरू होने से पूरा होने की उम्मीद है।
-अंकित राणा, अधिशासी अधिकारी कर्णप्रयाग नगर पालिका