मोदी का वैक्सीनेशन प्लान,74 करोड़ डोज का आर्डर
नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा योग दिवस यानी 21 जून से राज्यों को मुफ्त वैक्सीन देने के ऐलान के अगले ही दिन केंद्र सरकार वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए एक्शन के मूड में आ गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को 74 करोड़ वैक्सीन का अर्डर जारी कर दियाहै। इसमें 25 करोड़ कोविशील्ड और 19 करोड़ कोवाक्सिन शामिल हैं। इसके अलावा सरकार नेबायोलजिकल इ लिमिटेड केटीके की 30 करोड़ खुराक खरीदने का भी आदेश दिया है, जो सितंबर तक उपलब्ध होगी।सरकार ने कंपनियों को अर्डर की 30 फीसदी रकम एडवांस में ही जारी कर दी है।नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) ड़ वीके पल ने इसकी जानकारी दी है।
पल ने आगे कहा कि निजी क्षेत्रों (अस्पतालों) के लिए टीकों की कीमत वैक्सीन निर्माताओं द्वारा तय की जाएगी। वहीं राज्य निजी क्षेत्र द्वारा कुल मांग की निगरानी करेंगे। जिसका अर्थ है कि वे देखेंगे कि उसके पास सुविधाओं का कितना नेटवर्क है, और उसे कितनी खुराक की आवश्यकता है।
वहीं जब ड वीके पल से पूछा गया कि क्या भारत सरकार ने एससी के फैसले के बाद टीकाकरण के लिए नए दिशानिर्देश पेश किए हैं। इसपर पल ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट की चिंता का सम्मान करते हैं, लेकिन भारत सरकार 1 मई से विकेंद्रीत मडल के कार्यान्वयन का मूल्यांकन कर रही थी। ऐसे निर्णय विश्लेषण और परामर्श के आधार पर निश्चित समय की अवधि में लिए जाते रहे हैं।
डा़ वीके पल ने कहा कि हमें कंपनी ( बायोलजिकल इ लिमिटेड ) द्वारा उनके टीके (कर्बेवैक्स) की कीमत की घोषणा करने का इंतजार करना चाहिए। यह नई नीति के तहत कंपनी के साथ हमारी बातचीत पर निर्भर करेगा। जो वित्तीय सहायता दी गई है वह कीमत के हिस्से को पूरा करेगी।उन्होंने कहा कि बायोलजिकल इ लिमिटेड की वैक्सीन कर्बेवैक्स का अंतिम वैज्ञानिक डाटा बहुत आशाजनक है।
बता दें कि मैसर्स बायोलजिकल-ई लिमिटेड हैदराबाद की वैक्सीन निर्माताकंपनी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 की स्वदेशी वैक्सीन के लिए इसके साथ करार किया है।
एंटीबडी को लेकर उन्होंने कहा कि वैक्सीन द्वारा एंटीबडी की प्रतिक्रिया हर व्यक्ति में अलग-अलग होती है। फाइजर और मडर्न को मंजूरी को लेकर उन्होंने कहा कि मामला अभी विचाराधीन है।
ड़ा वीके पल ने कहा कि टीकों का मिश्रण एक वैज्ञानिक प्रश्न रहा है। हमारे पास कोवाक्सिन और कोविशील्ड की मिश्रित प्रतिक्रिया का डाटा नहीं है। लेकिन भारत के बाहर, एस्ट्राजेनेका शट के बाद, दूसरी खुराक के रूप में फाइजर का उपयोग प्रभावी पाया गया।