चीन के विदेश मंत्री से मिले जयशंकर, सीमा विवाद हल करने पर हुई चर्चा
दुशांबे , एजेंसी। विदेश मंत्री डा़ एस जयशंकर ने बुधवार को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) विदेश मंत्रियों के संपर्क दल की बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान जयशंकर ने अफगानिस्तान में हालात पर भारत का पक्ष रखा।
इसके साथ ही जयशंकर ने दुशांबे एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर चीन के विदेश मंत्री और स्टेट काउंसिलर वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। यह बैठक करीब एक घंटे चली। विदेश मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा कि पश्चिमी सेक्टर में एलएसी को लेकर चल रहे मुद्दों पर चर्चा केंद्रित रही। जयशंकर ने कहा कि स्थिति में एकतरफा परिवर्तन स्वीकार नहीं है। सीमा क्षेत्रों में हमारे संबंधों के विकास के लिए शांति और व्यवस्था की पूरी तरह वापसी बहुत जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की एक जल्द बैठक के आयोजन के लिए हम दोनों पक्ष सहमत हुए।
इसके साथ ही जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान का भविष्य उसका अतीत नहीं हो सकता है। इस देश की पूरी नई पीढ़ी की अलग-अलग उम्मीदें हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया हिंसा और बल के जरिए सत्ता हथियाने के खिलाफ है और ऐसे त्यों को वैध नहीं ठहराया जाएगा।
विदेश मंत्री जयशंकर ने अफगानिस्तान में बिगड़ती स्थितियों के समाधान को लेकर कहा कि इसका शांतिवार्ता ही केवल एक जवाब है। उन्होंने कहा कि दुनिया, क्षेत्र और अफगानी लोग एक स्वतंत्र, संतुलित, एकजुट, शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक और समृद्घ राष्ट्र चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सभी चाहते हैं कि हिंसा और पर के खिलाफ आतंकी हमले समाप्त हों। सभी विवाद राजनीतिक वार्ता से हल किए जाएं और सभी जातीय समूहों के हितों का सम्मान किया जाए। सुनिश्चित किया जाए कि पड़ोसियों को आतंकवाद और उग्रवाद से खतरा नहीं है। जयशंकर ने कहा कि चुनौती इन विश्वासों पर गंभीरता और ईमानदारी से काम किया जाए। ऐसी कई ताकते हैं जो बिल्किल अलग एजेंडा के साथ काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया हिंसा और बल से सत्ता हथियाने के खिलाफ है। यह ऐसे कार्यों को वैध नहीं ठहराएगी।
विदेश मंत्री ने कहा कि ईमानदारी से शांति वार्ता ही एकमात्र उत्तर है। एक स्वीकार्य समझौता जो दोहा प्रक्रिया, मस्को प्रारूप और इस्तांबुल प्रक्रिया को दर्शाता है, आवश्यक है। एक पूरी नई पीढ़ी की अलग-अलग उम्मीदें होती हैं। हमें उनको निराश नहीं करना चाहिए।