अब खोह नदी में नहीं गिरेगा कूड़ा, निगम बनायेगा सुरक्षा दीवार
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। अब शहर का कूड़ा खोह नदी में नहीं गिरेगा। नगर निगम ने ट्रेचिंग ग्राउण्ड के पास खोह नदी किनारे करीब 180 मीटर लंबी और औसतन 5 मीटर ऊंची सुरक्षा दीवार बनाने का निर्णय लिया है। अगर यह योजना परवान चढ़ी तो गंगा की सहायक नदी प्रदूषण मुक्त हो सकती है।
नगर निगम के चालीस वार्डों का कूड़ा खोह नदी किनारे बनें टे्रचिंग ग्राउण्ड में डाला जाता है। वर्तमान स्थिति यह है कि टे्रचिंग ग्राउण्ड के बाहर भी कूड़े के ढेर लगे हुए है। सनेह में खोह नदी के साथ कोल्हू नदी मिल जाती है। ऐसे में खोह नदी के बरसात के समय उफान पर आने से यह कूड़ा रामगंगा नदी में चला जाता है और फिर यही कूड़ा गंगा नदी में मिल जाता है। खोह नदी बिजनौर जिले में रामगंगा में जाकर गिरती है। खोह नदी गंगा की सहायक नदी है, लेकिन खोह नदी में नगर निगम का कूड़ा गिरने से गंगा नदी भी प्रदूषित हो रही है। ऐसे में भारत सरकार को गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करने का अभियान साकार नहीं हो पा रहा है। वर्तमान में टे्रचिंग ग्राउण्ड के अंदर और बाहर कूड़े के ढेर लगे हुए है। सफाई कर्मी ट्रेंचिंग ग्राउंड के बाहर ही कूड़ा डाल अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रहे हैं और यह कूड़ा नदी में जा रहा है। जिससे खोह नदी के साथ-साथ गंगा नदी भी प्रदूषित हो रही है। खोह नदी में दिन प्रतिदिन प्रदूषण बढ़ने से पर्यावरणविद ही नहीं आमजनमानस चिंतित है, लेकिन नगरीकरण का दंश नदियों का रूप व स्वरूप दोनों ही बिगाड़ रहा है। स्वच्छता अभियान चलाने के बाद भी खोह नदी को प्रदूषण मुक्त नहीं किया जा सका है।
नगर निगम कोटद्वार के नगर आयुक्त पीएल शाह ने बताया कि ट्रेचिंग ग्राउण्ड के पास खोह नदी किनारे 180 मीटर लंबी और औसतन 5 मीटर ऊंची सुरक्षा दीवार बनाने की योजना बनाई गई है। इसके टेंडर निकाल दिया गया है। टेंडर प्रक्रिया पूरे होने के बाद सुरक्षा दीवार का निर्माण कार्य शुरू करा दिया जायेगा।