कोटद्वार-पौड़ी

गुरू पूर्णिमा पर राष्ट्र कल्याण के लिए हुआ यज्ञ

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। कोटद्वार भाबर में गुरु पूर्णिमा का पर्व श्रद्धापूर्वक और उत्साह के साथ मनाया गया। शहर में मंदिरों व धार्मिक केंद्रों में गुरु पूजन किया गया। साथ ही, गुरु के महत्व पर प्रकाश डालते हुए माता-पिता का सम्मान करने की सीख दी गई। महर्षि कण्व योग समिति कोटद्वार के तत्वाधान में राष्ट्र कल्याण के लिए लालपुर में हवन किया गया।
मुख्य योग प्रशिक्षक नीरज नेगी ने कहा कि कार्यक्रम में बीमारियों के संक्रमण से बचने के लिए योग-प्रणायाम, व्यायाम और स्वस्थ आहार, दिनचर्या से शारीरिक इम्यूनिटी बढ़ाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि गुरु शिष्य परंपरा भारतीय संस्कृति व धर्म के मूल में है। हमें अपने गुरु और माता-पिता का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवाओं को भारतीय संस्कृति को अपनाना चाहिए। समिति के उपाध्यक्ष सोहन लाल भारद्वाज ने कहा कि गुरू हमें अंधकार से उजाले की ओर ले जाते है। योग सेवा मानव सेवा के साथ-साथ राष्ट्र सेवा ही है। इसलिए समिति योग कक्षाओं एवं शिविरों के माध्यम से योग को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है। इस मौके पर योग शिक्षक अजय कंडवाल, देवेंद्र सिंह बिष्ट, अनूप नैथानी, भूपेंद्र सिंह नेगी, आर शर्मा, संगीता नैथानी, सुनीता रावत, रूचि कंडवाल, राधा सजवाण, संगीता बुड़ाकोटी, हेमलता, सरोज गौड़, शांति ध्यानी, सुनीता नेगी, रश्मि, नेहा आदि मौजूद थे।

अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करने के लिए सच्चा गुरु आवश्यक
कोटद्वार। श्री गुरू पूर्णिमा के अवसर पर शनिवार को बालाजी मंदिर परिसर में विधि विधान से कोविड गाइड लाइन का पालन करते हएु गुरू प्रतिमा का जलाभिषेक किया गया। मुख्य यजमान के रूप में दिनेश एलावादी, डॉ. राम अवतार माहेश्वरी, दिनेश मोहन कुकरेती, गोपालकृष्ण अग्रवाल ने पूजन किया।


इस अवसर पर ईशमोहन बहुगुणा, दिनेश जुयाल ने गुरू की महत्ता पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि जिसका कोई गुरु नहीं, उसका जीवन शुरू नहीं। जीवन में अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करने के लिए एक मार्गदर्शक एवं सच्चा गुरु अवश्य होना चाहिए। शास्त्रों में गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश की उपाधि दी गई है। उन्होंने कहा कि माता-पिता भी हमारे गुरु होते हैं। उनका हमेशा सम्मान करना चाहिए। इस मौके पर गुरू भ्रातृ मंडल की ओर से स्थानीय गोपाल गोलोक संस्थान के दो बच्चों को स्कूली पुस्तकें व बैग प्रदान किये गये। संकल्प लिया गया कि क्षेत्रीय स्तर पर अत्यन्त निर्धन परिवारों के तीन विद्यार्थियों को शैक्षिक उन्नयन हेतु सहायता की जाएगी। इस मौके पर दिनेश एलावादी, गोपाल कृष्ण अग्रवाल, पुरोहित दिनेश जुयाल, ईशमोहन बहुगुणा, विनोद चंद्र कुकरेती, डॉ. राम अवतार माहेश्वरी आदि मौजूद थे।

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