सफाई कर्मचारियों ने फूंका सरकार का पुतला
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। पिछले पांच दिन से 11 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे सफाई कर्मचारी अब सड़क पर उतर आए है। शनिवार को देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ से जुड़े सफाई कर्मचारियों ने सरकार का पुतला फूंककर विरोध जताया। सरकार को चेतावनी दी कि यदि जल्द मांगें न मानी गईं तो उग्र आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।
देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ के कर्मचारी लगातार पांचवें दिन शनिवार को भी नगर निगम कार्यालय में धरना-प्रदर्शन करते रहे। इसके बाद देवभूमि उत्तराखंड के कोटद्वार शाखा के अध्यक्ष शशि के नेतृत्व में सफाई कर्मचारी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए तहसील तिराहे पर पहुंचे। जहां उन्होंने सरकार के पुतले को आग के हवाले किया। इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि वे बीती 19 जुलाई से आंदोलित हैं, लेकिन सरकार उनकी एक नहीं सुन रही है। सफाई कर्मचारियों का उत्पीड़न जारी है। उन्होंने कहा कि ठेका प्रथा समाप्त करने, पर्यावरण मित्रों को कनिष्ठ सहायक, पर्यावरण पर्यवेक्षक, सफाई निरीक्षक, चालक पद पर पदोन्नति देने, वाहन चालक पदों पर स्थायी नियुक्ति देने, मृतक आश्रित के तहत नौकरी देने समेत 11 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी। प्रदर्शन करने वालों में संघ के अध्यक्ष शशि, संरक्षक नरेंद्र घाघट, उपाध्यक्ष धीरज गोडियाल, सह उपाध्यक्ष ज्वाला प्रसाद, सचिव जितेंद्र गोडियाल, कोषाध्यक्ष अजय केशियाल, मुकेश गोडियाल, सह सचिव बीरेंद्र, संगठन मंत्री धर्मेद्र, महेंद्र घाघट, सुनील, सन्नो, गुड्डी देवी, संजीव, अश्वनी, प्रवेश आदि शामिल थे।
सफाई कर्मियों की हड़ताल को दिया समर्थन
कोटद्वार। निकाय सभासद महासंघ उत्तराखण्ड के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गुड्डू सिंह चौहान ने राज्य के पर्यावरण मित्रों द्वारा 11 सूत्रीय मांगों को लेकर की जा रही हड़ताल को समर्थन दिया। उन्होंने प्रदेश सरकार से कर्मचारियों को मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की।
नगर निगम के नगर आयुक्त पीएल शाह के माध्यम से प्रदेश के नगर विकास मंत्री के भेजे ज्ञापन में गुड्डू सिंह चौहान ने कहा कि पिछले कई दिनों से राज्य में 11 सूत्रीय मांगों को लेकर पर्यावरण मित्रों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है। उन्होंने पर्यावरण मित्रों की मांगों का समर्थन करते हुए मांगों का शीध्र समाधान करने की मांग की। जिससे राज्य में चरमरा गई सफाई व्यवस्था को सुचारू रूप से पुन: लागू किया जा सके। उन्होंने कहा कि जल्द ही मांगों का निस्तारण नहीं हुआ तो पर्यावरण मित्रों के आंदोलन को पूर्ण रूप से समर्थन देकर जन आंदोलन में बदला जायेगा। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।