आपदाग्रस्त गांव के लोगों का विस्थापन करे सरकार: मार्तोलिया —
देहरादून। आपदाग्रस्त धापा के 136 परिवारों को अब इस गांव से लगाव भी नहीं रह गया है, एक बच्चे व महिला को काल के ग्रास से बचा ले जाने पर गांव वालो
को सुकुन तो है, लेकिन अब उन्होंने मुनस्यारी बाजार के निकट पशुपालन की सुरक्षित भूमि में बसाने की मांग की है। जिप सदस्य जगत मर्तोलिया के सामने
आपदाग्रस्त लोगों ने उक्त बातें रखी। उन्होंने बताया कि 16 जुलाई से लगातार धापा गांव में भू स्खलन हो रहा है। चट्टान दरकने से दिन प्रतिदिन धापा की स्थिति
खराब होती जा रही है। धापा के 136 परिवारो ने अपने घर छोड़ दिये हैं। पंचायत घर, समिति भवन, प्राथमिक विद्यालय आदि भवनो में केवल रात भर सिर छुपाकर
वह सुबह होने का इंतजार कर रहे हैं। आपदा के छ: दिन के बाद भी धापा तक जाने के लिए पैदल रास्ता तक नहीं बन पाया है। बी.आर.ओ.की सड़क धापा तक
बनी हुई है, जिसे अभी तक पैदल चलने लायक नहीं बनाया जा सका है।
जिप सदस्य मर्तोलिया को अपने बीच पाकर आपदा प्रभावितो ने अपनी बात रखी। कहा कि अब वे खतरे में आ चूके इस गांव में नहीं रहना चाहते है।
मर्तोलिया ने कहा कि राहत, बचाव व विस्थापन के लिए हम पहले सरकार से बात करेंगे। उसके बाद आंदोलन का रास्ता अपनाकर पीड़ित जनता को न्याय दिलाया
जाएगा।् चार किमी की कठिन पैदल यात्रा करने के बाद जान हथेली में रखकर धापा की यात्रा करने वालो में केदार सिंह मर्तोलिया, भुवन सिंह जंगपांगी सहित होम
गार्ड के जवान शामिल रहे।