पटाखे की दुकान को लेकर नहीं बन पाई सहमति
शहर से बाहर दुकान लगाने का व्यापारियों ने किया विरोध
प्रशासन ने व्यापार मंडल को दी शहर में खाली मैदान खोजने की जिम्मेदारी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। दीपावली पर लगने वाली पटाखों की दुकान को लेकर प्रशासन व व्यापारियों में सहमति नहीं बन पाई। प्रशासन पटाखों की दुकान शहर से बाहर ग्रास्टनगंज के मैदान में लगवाने पर अड़ा हुआ था। जबकि, व्यापारी शहर के किसी खाली मैदान में ही दुकान लगाने की मांग कर रहे थे। अंत में प्रशासन की ओर से व्यापारियों को खुद ही शहर में खाली मैदान खोजने की जिम्मेदारी दी गई। कहा कि अगली बैठक सोमवार को आयोजित की जाएगी।
शनिवार को उपजिलाधिकारी मुक्ता मिश्रा की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। प्रशासन व पुलिस ने व्यापारियों को ग्रास्टनगंज के खाली मैदान में पटाखों की दुकान लगाने का प्रस्ताव दिया। पुलिस क्षेत्राधिकारी अनिल जोशी ने कहा कि ग्रास्टनगंज मैदान में कई किलोमीटर दूर तक आवासीय भवन नहीं है। ऐसे में पटाखों की दुकान लगाने के लिए ग्रास्टनगंज से बेहतर स्थान नहीं हो सकता। प्रशासन के इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए व्यापार मंडल के अध्यक्ष महेंद्र बिष्ट ने कहा कि ग्रास्टनगंज का मैदान शहर से काफी दूर है। ऐसे में ग्राहकों के मैदान में पहुंचने की बहुत कम उम्मीद है। कहा कि प्रशासन को शहर के भीतर ही किसी खाली मैदान में पटाखे की दुकान लगाने की व्यवस्था करनी चाहिए। करीब डेढ घंटे तक चली बैठक में जगह का चयन नहीं होने के बाद उपजिलाधिकारी ने व्यापारियों को दो दिन के भीतर शहर में खाली मैदान चिन्हित करने की बात कही। कहा कि व्यापारियों को स्वयं ही मैदान की एनओसी भी लानी होगी। यदी प्रशासन को लगेगा की उक्त स्थान दुकानें लगाने के लिए ठीक नहीं है तो उसे निरस्त कर दिया जाएगा। उपजिलाधिकारी ने शहर के बाजार में पटाखों की दुकान लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की भी चेतावनी दी है। इस मौके पर तहसीलदार विकास अवस्थी, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र सिंह बिष्ट, संजय मित्तल आदि मौजूद रहे।