आवारा पशुओं ने बर्बाद की फसल, लोगों में आक्रोश
-मवाकोट क्षेत्र के लोगों ने नगर निगम के खिलाफ किया प्रदर्शन
-कहा, आवारा पशुओं को पकड़कर फिर उन्हीं के क्षेत्र में छोड़ रहा नगर निगम
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : नगर निगम क्षेत्र में आवारा पशु आमजन के लिए मुसीबत बने हुए हैं। एक तरफ यह आवारा पशु बीच सड़क पर खड़े होकर वाहन चालकों को चोटिल कर रहे हैं तो दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। जिससे अब लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को मवाकोट क्षेत्र के लोगों ने आवारा पशुओं से तंग आकर नगर निगम कोटद्वार के खिलाफ प्रदर्शन किया और जल्द समस्या का निस्तारण न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
प्रदर्शनकारी ग्रामीण महिलाओं ने कहा कि बड़ी मेहनत से वह खेती कर रहे हैं, जिससे उनका गुजर-बसर हो सके। लेकिन, इन आवारा पशुओं ने खेती को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। इसी का नतीजा है कि कई लोगों ने अब खेती करना ही छोड़ दिया है और भाबर क्षेत्र में कई बीघा खेत बंजर होने की कगार पर पहुंच चुके हैं। इन आवारा पशुओं की समस्या से निजात दिलाने को कई बार नगर निगम में गुहार लगा चुके हैं, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। कभी-कभार नगर निगम खानापूर्ति के लिए अभियान चलाता है, लेकिन उसमें भी आवारा पशुओं को पकड़कर कुछ दूरी पर ही छोड़ दिया जाता है। जिससे यह आवारा पशु फिर से उनके क्षेत्र में आकर आतंक मचा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि जल्द ही उक्त समस्या से निजात न मिली तो वह नगर निगम के खिलाफ उग्र आंदोलन करेंगे। प्रदर्शन करने वालों में यशोदा तिवाड़ी, शांति जोशी, अंजू नैथानी, नीलम नेगी, सीता नेगी, अनिता देवी, मुन्नी नेगी, पवित्रा देवी, पम्मी देवी, सुमन देवी, शशि देवी, रश्मि देवी आदि शामिल रहे।
मवाकोट में आवारा पशुओं ने ग्रामीणों के बीच पैदा किया टकराव
क्षेत्रीय निवासी विजय नैथानी ने बताया कि कुछ महिलाएं इन आवारा पशुओं से निजात पाने के लिए उन्हें गांव के ही पंचायत भवन में बंद कर देते हैं, लेकिन कुछ अन्य लोग इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि आवारा पशु पंचायत भवन को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसलिए उन्हें पंचायत भवन न बंद किया जाए। विजय नैथानी ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर अक्सर ग्रामीणों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो जाती है। जिसका जिम्मेदार भी नगर निगम ही है। यदि इन पशुओं को पकड़कर किसी सुरक्षित स्थान में रख दिया जाए तो न ग्रामीणों को परेशानी होगी और न ही इन आवारा पशुओं को ऐसे भटकना पड़ेगा।
आवारा पशुओं के कारण आए दिन वाहन चालक होते हैं चोटिल
कोटद्वार शहर व नगर निगम के आसपास ही आवारा पशुओं को सड़क घूमता हुआ आसानी से देखा जा सकता है। अक्सर यह आवारा पशु आने जाने वाले वाहन चालकों को चोटिल कर देते हैं। इसके अलावा कई वाहन चालक भी अनजाने में ही सही इन पशुओं को चोट पहुंचा देते हैं। नगर निगम के आंखों के सामने यह सब होता रहता है, लेकिन निगम को फिर भी कोई परवाह नहीं है। उल्टा निगम के दावे हैं कि वह आवारा पशुओं को पकड़कर उनके व विभिन्न समितियों द्वारा चलाए जा रहे गोसदनों में छोड़ रहे हैं।
गोवंश के नाम पर लाखों रुपये कर गए हजम?
-संस्कार सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था के अध्यक्ष ने लगाए आरोप
-कहा, नगर निगम ने खुद को और एक संस्था को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कर गोवंश के नाम पर हड़प ली लाखों की रकम
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : कोटद्वार नगर निगम की कार्यप्रणाली पर अक्सर ही सवाल उठते रहते हैं, लेकिन इस बार नगर निगम पर गोवंश के नाम पर लाखों रुपये हजम करने का आरोप लगा गया है। संस्कार सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था के अध्यक्ष सुधीर बहुगुणा ने कहा कि नगर निगम ने खुद को और एक संस्था को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कर गोवंश के नाम पर लाखों रुपये हड़प लिए। जबकि गोवंश आज भी सड़कों पर भटक रहा है और आमजन को चोटिल कर रहा है।
राज्यपाल को भेजे पत्र में उन्होंने कहा कि नगर निगम ने आवारा पशुओं के लिए करीब दो साल पहले काशीरामपुर तल्ला गुल्लर पुल के निकट 80 गोवंश क्षमता की एक गोशाला बनाई थी। इसके अलावा नगर की एक संस्था द्वारा सालों से बेसहारा गोवंश की सेवा का दावा किया जा रहा है। जबकि, हकीकत में काशीरामपुर तल्ला स्थित गोशाला बदहाल हालत में है और वहां एक भी गोवंश नहीं है। इसके अलावा उक्त संस्था की गोशाला में भी 25-30 से ज्यादा गोवंश नहीं है। जबकि, इस संस्था और नगर निगम ने मिलकर वित्तीय वर्ष 2020-21 व 21-22 में उक्त गोशालाओं में करीब 500 से 600 गोवंश की संख्या बताकर पशुपालन विभाग से क्रमश: 13 लाख, तीन हजार, पांच सौ और नौ लाख, 78 हजार रुपये प्राप्त किए। उन्होंने कहा कि निगम व उक्त संस्था ने फर्जी दस्तावेज बनाकर गोवंश के नाम पर लाखों रुपये की रकम हड़प ली, जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
नगर निगम आवारा पशुओं के मामले को लेकर गंभीर है और लगातार अभियान चलाकर इन आवारा पशुओं को पकड़कर नगर निगम की काशीरामपुर तल्ला व तल्ला मोटाढ़ाक स्थित आकृति सेवा समिति की गोशाला में छोड़ रहा है। जहां भी यह समस्या बनी हुई है, वहां जल्द ही अभियान चलाया जाएगा।
संजय कुमार, सहायक नगर आयुक्त, नगर निगम कोटद्वार