चीन के साथ संबंधों पर विदेश सचिव श्रंगला बोले- आपसी सम्मान, संवेदनशीलता व हितों पर आधारित होने चाहिए रिश्ते
नई दिल्ली, एजेंसी। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बुधवार को कहा कि भारत ने चीन को स्पष्ट कर दिया है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता दोनों देशों के संपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए जरूरी है और ये संबंध आपसी सम्मान, साझी संवेदनशीलता और आपसी हित को तीन साझे बिंदुओं पर आधारित होने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ अच्टे संबंध की इच्छा रखता है, लेकिन यह देश की सुरक्षा की कीमत पर नहीं हो सकता।
श्रृंगला ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में श्भारत के पड़ोसश् पर प्रशिक्षण प्रकल्प के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए की। विदेश सचिव की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के मुद्दे पर दो दिन बाद ही शीर्ष कमांडर स्तर की बातचीत होने वाली है। मालूम हो कि पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई, 2020 को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध शुरू हुआ था। दोनों देशों के बीच राजनयिक एवं सैन्य स्तर पर कई दौर की वार्ता हो चुकी है। अब तक की बातचीत के परिणामस्वरूप पैगोंग (झील) के उत्तरी और दक्षिणी किनारे, गलवन क्षेत्र में मुद्दों का समाधान निकला है। भारत अब तनाव के शेष बिंदुओं के समाधान पर जोर दे रहा है।
विदेश सचिव ने यह भी कहा कि श्पड़ोस प्रथमश् भारत की विदेश नीति की सभी प्राथमिकताओं में शीर्ष पर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर पड़ोस प्रथम नीति में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, मालदीव, म्यामांर, पाकिस्तान, श्रीलंका के साथ हमारे संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि इन देशों में पाकिस्तान के अपवाद को छोड़कर अन्य के साथ भारत काफी निकटता से काम कर रहा है।
श्रृंगला ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ अच्टे संबंध रखना चाहता है, लेकिन ये सुरक्षा की कीमत पर नहीं हो सकते। इसके साथ ही देश को भू-राजनीतिक वास्तविकताओं और सीमा पार आतंकवाद व अपराध जैसे वास्तविक खतरों का भी मुकाबला करना चाहिए।