फूलदेई पर बनी गढ़वाली एलबम गीत का हुआ लोर्कापण
देहरादून। चौत्र मास के रूप में उत्तराखण्ड का नया साल शुरू होता है। घोघा माता के पूजन से जह प्रति की होली का आगाज होता है वहीं यह एक मात्र यह ऐसा त्योहार है जो पूर्ण रूप से बच्चों को समर्पित है। इसी परम्परा को बखूबी से प्रदर्शित करता गढ़वाली एलबम गीत ‘फूलदे ल्हेक चौत ऐगे, लैगे नयो साल का लोकार्पण किया गया।
रविवार को गीत एलबम का लोकार्पण बतौर मुख्य अतिथि नगर पालिका सभासद जसोदा शर्मा, निर्देशक प्रदीप भण्डारी, कमलेश, गायिका प्रेरणा और वीरेन नेगी ने सयुंक्त रूप से एक कार्यक्रम आयोजित किया है। इस मौके पर एलबम के निर्देशक प्रदीप भंडारी ने बताया कि मार्च महीनें के मध्य से प्रारम्भ होने वाले चौत्र मास की पहली गति (तारीखघ्) से बच्चे प्रात: काल में उठकर नाना प्रकार के खूबसूरत फूल गुच्छ को लोगों के घरों की देहरी में बिखेर आते हैं और साथ ही गीत गाकर उस घर की सुख समृद्घि की कामना प्रति की देवी घोघा माता से करते हैं। साथ ही देहरियों को पूजने और उसे पवित्र करने की महान रश्म है। फूलदेई के रूप में घोघा माता पूजन का यह विश्व का एक मात्र ऐसा अनूठा पर्व है जो केवल देवभूमि उत्तराखण्ड में ही मनाया जाता है। उन्होने बताया कि उत्तराखण्ड के गढ़वाल क्षेत्र में यह पर्व कहीं 1 से 8 गते तक मनाया जाता है तो कहीं कहीं पूरे मास मनाया जाता है। आम तौर पर अठवड़ू (अष्ठमी) को घोघा माता के विधिवज पूजन प्रसाद वितरण और भोग के साथ इस त्योहार का समापन होता है। पूजा कुमांऊ में मुख्य रूप से संक्रांति के दिन फूलदेई के रूप में यह त्योहार वृहद स्तर पर मनाया जाता है। ‘फूलदे ल्हेक चौत ऐगे, लैगे नयो साल गीत को सुप्रसिद्व गायिका मीना राणा ने गाया है तथा संगीतकार संजय कुमोला हैं। इस एलबम में मुख्य अभिनेत्री के रूप में शिवानी भारती व गीतकार ओम प्रकाश सेमवाल हैं। कैमरा और एडीटिग की नागेन्द्र प्रसाद ने की है तथा एलबम के निर्देशक प्रदीप भण्डारी है। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि पालिका सभासद जसोदा शर्मा ने प्रदीप भंडारी को बधाई दी व कहा कि यह गीत निश्चित की उत्तराखंड की विलुप्त होती फूलदेई पर्व को पुनर्स्थापित करने व नई पीढ़ी को इससे जोड़ने का कार्य करेगा। इस मौके पर बिल्लू बाल्मीकि, संदीप राणा, जगजीत कुकरेजा, पूरण रावत आदि मौजूद रहे।