उत्तराखंड

भाजपा विधायकों ने शुरू की सीएम धामी के लिए लबिंग

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फिर से सीएम बनाने के लिए भाजपा के कुछ विधायकों ने लबिंग शुरू कर दी है। अब तक पांच विधायक उनके लिए सीट छोड़ने का ऐलान कर चुके हैं। विधानसभा चुनावों में भाजपा ने राज्य में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर 47 सीटें जीती हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद अपनी सीट हार गए हैं। भाजपा ने इस बार युवा सीएम के चेहरे पर चुनाव लड़ा है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि हार के बावजूद धामी को फिर से सीएम बनाया जा सकता है। इसीलिए मुख्यमंत्री धामी के लिए लबिंग भी शुरू हो गई है। अभी तक भाजपा के पांच विधायक मुख्यमंत्री धामी के लिए सीट छोड़ने का ऐलान कर चुके हैं। अभी तक जिन विधायकों ने मुख्यमंत्री धामी के लिए सीट छोड़ने का ऐलान किया है उनमें चंपावत के विधायक कैलाश गहतोड़ी, जागेश्वर के मोहन सिंह मेहरा, लालकुंआ डा़ मोहन सिंह बिष्ट, रूड़की के प्रदीप बत्रा और खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के नाम शामिल हैं।
खानपुर से निर्दलीय जीत कर आए विधायक उमेश कुमार ने मुख्यमंत्री धामी के लिए सीट छोड़ने की पेशकश तो की है लेकिन शर्त भी जोड़ी है। उन्होंने कहा कि सीएम बनने के छह महीने के भीतर यदि उनकी शर्तों को पूरा करने का भरोसा यदि सीएम धामी दें तो वह अपनी सीट छोड़ सकते हैं। उन्होंने अपनी शर्तों के बारे में कहा कि खानुपर में सिडकुल स्थापना का गजट नोटिफिकेशन किया जाए। कम से कम पांच उद्योगपतियों के साथ एमओयू किए जाएं। मुजफ्फरनगर के मोरना सीमा से हरिद्वार तक गंगा नदी पर तटबंद बनाकर सड़क का काम किया जाए। सोलानी नदी पर भी यूपी की सीमा पर तटबंद व सड़क बने। इसके अलावा भी उन्होंने कई शर्तें जोड़ी हैं।
मुख्ममंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए सामान्य सीट के छह विधायकों ने तो सीट छोड़ने की पेशकश की ही है लेकिन आरक्षित सीट के विधायक भी ऐसा बयान दे रहे हैं। गंगोलीहाट आरक्षित सीट से चुनकर आए विधायक फकीर राम ने भी मुख्यमंत्री धामी के लिए सीट छोड़ने का ऐलान किया है। हालांकि मुख्यमंत्री धामी का इस सीट से चुनाव लड़ना संभव नहीं है।
हरिद्वार, यूएस नगर में भाजपा का सबसे खराब प्रदर्शन
विधानसभा चुनावों में हरिद्वार और यूएस नगर जिलों में भाजपा का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। हरिद्वार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की कर्मभूमि रही है। पिछले चुनावों में भाजपा ने जिले से 11 में से आठ सीटें थी, लेकिन इस बार पार्टी का यहां कमजोर प्रदर्शन रहा और सिर्फ तीन सीटें ही हाथ लग पाई।
वहीं, यूएस नगर जिले को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रभाव का जिला माना जाता है। वर्ष 2017 के चुनाव में यूएसनगर की नौ में से आठ सीटें झोली में आई थी। इस दफा सीटें घटकर चार रह गई हैं।

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