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पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यों पर फोड़ा महंगे तेल का ठीकरा, कहा- जमकर वैट वसूल रहे राज्य

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नई दिल्ली, एजेंसी। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बढ़ते पेट्रोल-डीजल की कीमतों का ठीकरा राज्यों पर फोड़ते हुए कहा कि राज्य सरकारें जमकर वैट वसूल रही हैं। पुरी ने राज्य सरकारों को तेल पर वैट घटाने की सलाह देते हुए कहा कि तेल की कीमतें सरकार के हाथों में नहीं है। उन्होंने कहा कि तेल कंपनियां तय करती है कि तेल कीमतें कम होंगी या बढ़ेगी।
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि देश अब भी पूरी तरह से कोरोना के झटके से उबर नहीं पाया है। उन्होंने ये भी कहा कि पीएम मोदी ये सुनिश्चित किया है कि संकट के दौर में देश में तेल और गैस की कमी ना हो। तेल की बढ़ती कीमतों के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा- देश में हर रोज 5 मिलियन बैरल तेल की खपत होती है। तेल की कीमतों को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर कड़े कदम उठाने चाहिए।
पुरी ने कहा कि केंद्र सरकार का तेल की कीमतों पर कोई नियंत्रण नहीं है। पुरी से जब ये पूछा गया कि चुनाव के दौरान तेल के दाम क्यों नहीं बढ़ते तो उन्होंने कहा कि तेल कंपनियां जनता से जुड़ी हुई है और वो जरूरत के हिसाब से जनता के हित में फैसला करती है।
उत्तराखंड में लोगों को शनिवार को सीजन के सबसे बड़े बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। राज्य में बिजली डिमांड 45़5 मिलियन यूनिट के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई है। जबकि, उपलब्धता सिर्फ 38़5 मिलियन यूनिट ही है। इस कारण शनिवार को औद्योगिक और ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा, छोटे बड़े सभी नगरों में कटौती करने की तैयारी है।
शुक्रवार को उद्योगों में छह घंटे, ग्रामीण क्षेत्रों में चार से पांच घंटे और ज्वालापुर, हल्द्वानी, रुड़की, काशीपुर, जसपुर, बाजपुर, कालाढूंगी, डोईवाला समेत नगरों में दो घंटे तक की कटौती रही। जबकि, बड़े नगरों में एक घंटे तक की कटौती रही। देहरादून के कुछ हिस्सों में भी कटौती करनी पड़ी।
शनिवार के लिए राज्य की डिमांड 45़5 एमयू की डिमांड के मुकाबले सात मिलियन यूनिट बिजली कम है। इस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में पांच से छह घंटे, छोटे नगरों में दो से तीन घंटे और बड़े शहरों में एक घंटे से अधिक की कटौती हो सकती है। जबकि फर्नेश उद्योगों में आठ से दस घंटे और अन्य उद्योगों में छह से आठ घंटे तक की बिजली कटौती हो सकती है।
यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार के अनुसार राज्य को पहले 7़5 एमयू बिजली गैस प्लांट से मिलती थी। जो कि पूरी तरह बंद हैं। इस बार गर्मी बढ़ने से पांच एमयू की डिमांड समय से पहले ही बढ़ गई है। इस तरह राज्य पर 12़5 एमयू का अतिरिक्त भार बढ़ गया है। जहां पहले यूपीसीएल को बाजार से सिर्फ तीन चार एमयू ही बिजली लेनी पड़ती थी। इस बार 15 एमयू तक बिजली लेनी पड़ रही है।

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