उत्तराखंड

पटरी पर लौटने लगी यात्री व्यवस्थाएं

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रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम की यात्रा में तीर्थयात्रियों को कैसे बेहतर से बेहतर व्यवस्थाएं मुहैया कराई जाएं, इसके लिए स्वयं जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने अपने हाथों में कमान संभाल ली है। कई बार केदारनाथ का पैदल निरीक्षण करने के बाद जिलाधिकारी अब यात्रा से जुड़े विभाग के कार्यों की मनीटिरिंग कर रहे है और नियमित अपडेट ले रहे हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि केदारनाथ यात्रा में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में यात्री आ रहे हैं। एक सप्ताह में ही डेढ़ लाख यात्री दर्शन का आंकड़ा पार हो गया है। शुरूआत में कुछ खामियां जरूर रही है किंतु अब धीरे-धीरे व्यवस्थाएं पटरी पर लौट गई हैं। जल संस्थान के ईई संजय सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देशों में पानी की कोई दिक्क्त नहीं है। सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक कुल 62 नग पिल्लर टाइप स्टैंड पोस्ट, 7 नग वाटर एटीएम व 7 नग वाटर हीटर स्थापित किए गए हैं। सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक घोड़े-खच्चरों को पीने के पानी के लिए कुल 41 नग पशुचरहियां निर्मित की गई हैं जो बेहतर काम कर रही है। गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक कुल 4 नग टैंक टाईप स्टैंड पोस्ट तथा रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड तक कुल 60 नग हैंड पंप स्थापित हैं। वहीं घोड़ा खच्चर का संचालन भी बेहतर कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने यात्रा में घोड़े खच्चरों को सुव्यवस्थित आवाजाही के लिए सोनप्रयाग से केदारनाथ तक सभी घोड़े-खच्चरों व उनके स्वामियों तथा हकरों को अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन करवाने के निर्देश जिपं को दिए है। हर घोड़े खच्चर के साथ एक हकर अनिवार्य चलेगा। बिना हकर के चलने वाले खच्चर का चालान किया जाएगा। जिपं के अपर मुख्य अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए यात्रा मार्ग में तैनात सेक्टर अधिकारियों एवं संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में निगरानी रखते हुए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं, यदि कोई बिना हकर एवं बिना रजिस्ट्रेशन के घोड़ा-खच्चर का संचालन करना पाया जाता है तो उनका चालान कराने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही अग्रिम आदेशों तक वर्तमान में घोड़ा-खच्चरों का रजिस्ट्रेशन कराना बंद किया गया है। बताया कि वर्तमान में केदारनाथ यात्रा में 8 हजार 516 घोड़े-खच्चरों का रजिस्ट्रेशन किया गया है। साथ ही 2200 डंडी-कंडी का रजिस्ट्रेशन हुआ है। 500 घोड़ा-खच्चर हकरों का भी पंजीकरण हुआ है।

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